विश्व
भारतीय 'स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर' नौसेना में जल्द होगी शामिल, महासागरों में चीन पर लगेगी लगाम
Deepa Sahu
13 Aug 2021 9:53 AM GMT
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समुद्र में चीन (China) की दादागिरी पर लगाम लगाने कि लिए जल्द भारतीय स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Indian Indigenous Aircraft Carrier) नौसेना में शामिल होगा.
समुद्र में चीन (China) की दादागिरी पर लगाम लगाने कि लिए जल्द भारतीय स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Indian Indigenous Aircraft Carrier) नौसेना में शामिल होगा. पाकिस्तान से निपटने के लिए अरब सागर में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के कैरियर बैटल ग्रुप तो तैनात है ही, लेकिन बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के इलाके पर अपनी ताकत को बरकरार रखने के लिए जल्द एक और कैरियर बैटल ग्रुप तैनात होगा.
स्वदेशी विमान वाहक (IAC(P71)) 'विक्रांत' के समुद्री परीक्षणों की शुरुआत भी की जा चुकी है. बुधवार को आईएसी विक्रांत अपने पहले समुद्री परिक्षण पर निकल गया. पिछले साल ही कोच्चि शिपिंग यार्ड में इस एयरक्राफ्ट कैरियर ने हार्बर ट्रायल और बेसिन ट्रायल को पूरा कर लिया गया था.
समुद्री ट्रायल से पहले शिप में लगे सारे उपकरण की जांच की जाती है कि वो सही तरह से काम कर रहे हैं या नहीं. कोरोना के चलते इसके समुद्री ट्रायल में थोड़ी देरी हुई. स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम भारतीय नौसेना से रिटायर हो चुके एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नाम पर दिया जाएगा.
एयरक्राफ्ट कैरियर में होंगे 2300 कंपार्टमेंट
इस एयरक्राफ्ट कैरियर की खूबी की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 262 मीटर है, जिसके निर्माण का काम फरवरी 2009 में कोचिन शिपयार्ड में शुरू हुआ था. इस एयरक्राफ्ट कैरियर में कुल 14 डेक होंगे और कुल 2300 कंपार्टमेंट होंगे जो कि कुल 1700 नाविकों के रहने के लिए पर्याप्त होंगे.
इस कैरियर की अधिकतम रफ्तार 28 नॉटिकल माल प्रति घंटा है और करीब 76 फासदी इसमें स्वदेशी कंटेंट है. इस कैरियर में 26 फाइटर एयरक्राफ्ट और 10 हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं. भारतीय नौसेना के पास फिलहाल मिग-29K ही ऐसा फाइटर है जो कि एयरक्राफ्ट कैरियर से उडान भर सकते हैं.
इसके अलावा स्वदेश तेजस के नेवी वर्जन को भी इसके लिए तैयार किया जा रहा है. हैलिकॉप्टर्स की बात करें तो अमेरिका से लिए जाने वाले रोमियो हैलिकॉप्टर के अलावा सी किंग और स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव भी इस कैरियर पर तैनात किए जा सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि 2023 तक ये भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा.
पश्चिमी समुद्र तट पर कारवार में तैनात 'आईएनएस विक्रामादित्य'
फिलहाल भारतीय नौसेना के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रामादित्य है जो कि 2014 में भारतीय नौसेना मे शामिल किया गया था और ये पश्चिमी समुद्र तट पर कारवार में तैनात हैं. जबकि भारत को एक और एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत है जिसे पूर्वी समुद्र तट पर विशाखापट्टनम में रखा जा सके.
ऐसा इसलिए क्योंकि भारत को कम से कम तीन एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत है. क्योंकि जब एक कैरियर रिपेयर के लिए जाता है तो कम से कम दो एयरक्राफ्ट कैरियर में अपनी सेवाएं दे रहे हों, यह जरूरी है. पिछले दिनों ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत IAC-1 के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की थी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत को नौसेना के आत्मनिर्भरता प्रयासों का जबरदस्त उदाहरण बताया था. इस एयरक्राफ्ट कैरियर के नौसेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशो में शामिल हो जाएगा, जिनके पास एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की तकनीक है.
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