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अमेरिका में भारतवंशी परिवार है सबसे समृद्ध, 79 फीसदी भारतीय अमेरिकी ग्रेजुएट

Subhi
26 Aug 2021 2:42 AM GMT
अमेरिका में भारतवंशी परिवार है सबसे समृद्ध, 79 फीसदी भारतीय अमेरिकी ग्रेजुएट
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अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में हालिया जनगणना के आंकड़ों के आधार पर दावा किया गया है

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में हालिया जनगणना के आंकड़ों के आधार पर दावा किया गया है कि भारतवंशी परिवार अमेरिका में सबसे समृद्ध हैं। न्यू यॉर्क टाइम्स के विश्लेषण के अनुसार अमेरिका में भारतीय परिवारों की औसत आय 123,700 डॉलर सालाना है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 63,922 डॉलर सालाना है।

इसी तरह स्नातक करने वालों का राष्ट्रीय औसत जहां 34 फीसदी है, वहीं 79 फीसदी भारतीय अमेरिकी ग्रेजुएट हैं। पारिवारिक आय के मामले में भारतीय अमेरिका में रह रहे अन्य एशियाई समूहों में भी सबसे आगे हैं।
ताइवानी और फिलिपिनो क्रमशः 97,129 अमरीकी डाॅलर और 95,000 अमरीकी डॉलर की औसत पारिवारिक आय के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 33 प्रतिशत की तुलना में केवल 14 प्रतिशत भारतीयों ने औसत घरेलू आय 40,000 अमरीकी डाॅलर से कम बताई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय मूल के लोगों की कंप्यूटर विज्ञान, वित्तीय प्रबंधन और चिकित्सा सहित कई उच्च-भुगतान वाले क्षेत्रों की नौकरियों में अच्छी खासी हिस्सेदारी है। अमेरिका में कुल नौ फीसद डॉक्टर भारतीय मूल के हैं, उनमें से आधे से ज्यादा अप्रवासी हैं।
2016 से वेस्ट वर्जीनिया में काम कर रहे बाल मनोचिकित्सक डॉ. निहित गुप्ता और उनकी नेफ्रोलॉजिस्ट पत्नी डॉ. शिखा जायसवाल कहती हैं कि अमेरिका ने उन्हें हकीकत में गले लगाया है। पूरे राज्य उनके काम को महत्व दिया जाता है, क्योंकि वहां उनकी जरूरत है। एजेंसी
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एशियाई लोगों को राजनीतिक दबदबा भी बढ़ रहा है। यूएसए में एशियाई लोगों की संख्या पिछले तीन दशकों में करीब तीन गुना बढ़ गई है। इसके अलावा एशियाई अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ रहे चार बड़े नस्लीय और जातीय समूहों में शामिल हैं।
अमेरिका में फिलहाल करीब चालीस लाख भारतवंशी रह रहे हैं, जिनमें से 16 लाख वीजा धारक हैं, 14 लाख स्थानीय नागरिक हैं और एक लाख अमेरिका में ही जन्मे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यूएसए में पैदा हुए ज्यादातर एशियाई कम उम्र के हैं, आधे तो अभी बच्चे हैं। वे उन नागरिकों के बच्चे हैं, जो एक पीढ़ी पहले देश में आकर बसे थे। तेजी से बढ़ते हुए समुदाय के तौर पर अब एशियाई अमेरिका की चुनावी राजनीति में भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

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