अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक सिख पुलिसकर्मी को दाढ़ी रखने से रोकने पर विवाद हो गया है। जिस पर वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने आपत्ति जताई है। अमेरिका के सांसदों ने भी इस घटना पर चिंता जाहिर की है और इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया है। बता दें कि न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के कर्मी चरणजोत तिवाना ने बीते साल मार्च में अपनी शादी के लिए दाढ़ी बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि विभाग ने उसकी इस मांग को यह कहकर खारिज कर दिया था कि दाढ़ी बढ़ाने से गैस मास्क लगाने के दौरान उसकी सुरक्षा से समझौता हो सकता है।
भारतीय दूतावास ने दर्ज कराई आपत्ति
इस पर भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इस मामले को न्यूयॉर्क स्टेट गवर्नर के सामने उठाया। वहीं भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने इस मामले को बाइडन सरकार के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के सामने उठाया है। मामला बढ़ने पर न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस और गवर्नर ऑफिस ने बयान जारी कर कहा कि वह इस मामले पर काम कर रहे हैं। वहीं न्यूयॉर्क असेंबली के सदस्य डेविड वेप्रिन ने पुलिस विभाग द्वारा चरणजीत तिवाना की मांग ना माने जाने पर चिंता जाहिर की और इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया।
अमेरिकी नेताओं ने जताई चिंता
सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में वेप्रिन ने लिखा कि धार्मिक भेदभाव को दूर करने के लिए साल 2019 में एक कानून बनाया गया था। जिसके तहत किसी को भी काम के दौरान उसकी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की आजादी दी गई थी। वेप्रिन ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को तिवाना मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वेप्रिन ने कहा कि यह मामला साफ तौर पर कानून का उल्लंघन है।
एसजीपीसी ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
न्यूयॉर्क पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी कहा है कि वह दाढ़ी और यूनिफॉर्म को लेकर अपने नियमों में संशोधन कर रहे हैं। सिखों की सबसे बड़े धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर न्यूयॉर्क पुलिस विभाग वाले मामले में आपत्ति दर्ज करने की मांग की। बता दें कि साल 2016 में न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने सिख पुलिस अधिकारियों को वर्दी के साथ पगड़ी पहनने की इजाजत दे दी थी।