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श्रीलंका में भारतीय हाथी की मौत, राष्ट्रपति बोले- राष्ट्रीय खजाना नहीं रहा

jantaserishta.com
9 March 2022 6:27 AM GMT
श्रीलंका में भारतीय हाथी की मौत, राष्ट्रपति बोले- राष्ट्रीय खजाना नहीं रहा
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नई दिल्ली: श्रीलंका एक बेहद चर्चित भारतीय हाथी की मौत का शोक मना रहा है। यह हाथी पिछले करीब 50 सालों से श्रीलंका में रह रहा था। श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे ने इसे 'राष्ट्रीय खजाना' बताया था। 69 साला की उम्र में 'नाडुंगमुवा राजा' हाथी की मौत हुई है।

नाडुंगमुवा राजा कैंडी जिले के पेराहेरा उत्सव और सालाना पवित्र समारोहों में भाग लेता था। उसकी मौत के बाद बौद्ध पुजारियों सहित कई लोगों ने विदाई दी है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अधिकारियों को राजा के शरीर को 'भविष्य की पीढ़ियों' के लिए संरक्षित करने का आदेश दिया है। उन्होंने हाथी राजा को 'राष्ट्रीय खजाना' बताया है।
दी हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1954 में राजा का जन्म मैसूर में हुआ था। हाथी राजा महाराजा जयचामाराजेंद्र वाडियार के पास रहते थे। एक आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर हर्ष धर्मविजय के मुताबिक राजा जयचामाराजेंद्र ने बीमारी के इलाज के लिए एक श्रीलंकाई भिक्षु चिकित्सक को नाडुंगमुवा राजा को उपहार में दिया था।
हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि राजा से मिले गिफ्ट को भिक्षु डॉक्टर ने कोलंबो के दक्षिण में होराना में एक लकड़ी मिल को बेच दिया था। लंबे और जबरदस्त दांतों वाले शानदार हाथी को लट्ठ उठाकर ले जाते देखकर परेशान हुए डॉक्टर धर्मविजय के पिता ने उसे खरीद लिया था। नाडुंगमुवा राजा के महावत विल्सन कोडडिथुवाक्कू ने हिंदू से बातचीत में बताया है कि उसे नियमित भोजन के साथ ही कई फल दिए जाते थे। उस गुड़ बहुत पसंद था।

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