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भारतीय विमर्श निर्णायक अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने को लेकर नई मोड़ पर, बैठक के इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Apurva Srivastav
22 March 2021 5:48 PM GMT
भारतीय विमर्श निर्णायक अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने को लेकर नई मोड़ पर, बैठक के इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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अफगानिस्तान के हालात आगे किस तरफ जाएंगे, इसको लेकर असमंजसता की स्थिति बनी है।

अफगानिस्तान के हालात आगे किस तरफ जाएंगे, इसको लेकर असमंजसता की स्थिति बनी है। इस बीच, भारत भी अपनी भावी भूमिका को लेकर पूरी तरह सक्रिय दिख रहा है। सोमवार को देर शाम विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अत्मार के बीच लंबे विमर्श का दौर चला। इसमें दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों से लेकर 30 मार्च को अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने को लेकर दुशांबे में होने वाली बैठक के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

भारत इस बात को लेकर पूरी तरह से अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार के साथ है कि आने वाले दिनों में जो भी हल निकाला जाए, उसमें आतंकी गतिविधियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। बैठक के बाद सरकारी सूत्रों ने बताया कि शांति प्रक्रिया पर काफी विस्तार से बात हुई है। रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी है। भारत की मदद से अफगानिस्तान में शुरू की गई विकास परियोजनाओं को लेकर बात हुई और साथ ही मौजूदा द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाने पर भी विमर्श हुआ।
भारत ने यह बात दोहराई है कि वह एकीकृत, शांतिपूर्ण, संपन्न, लोकतांत्रिक व संवैधानिक तौर पर स्थापित अफगानिस्तान का समर्थन करता रहेगा। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सोमवार शाम को ही नई दिल्ली पहुंचे हैं। भारत-अफगानिस्तान के बीच यह चर्चा इसलिए भी अहम है, क्योंकि अमेरिका ने भी छह देशों की एक महत्वपूर्ण बैठक जल्द ही बुलाने की घोषणा की है।
शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर से हुई मुलाकात में भी अफगानिस्तान एक अहम मुद्दा रहा था। उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली से लौटते हुए ऑस्टिन ने काबुल की अचानक यात्रा भी की थी। 30 मार्च को अफगानिस्तान को लेकर हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस के तहत अलग से बैठक है, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करने वाले हैं। इसके तुरंत बाद अमेरिका की तरफ से बुलाई गई बैठक भी संभव है।


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