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भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव ने रचा इतिहास, बनीं प्रथम टाइम 'किड ऑफ द ईयर'

Deepa Sahu
4 Dec 2020 2:06 PM GMT
भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव ने रचा इतिहास, बनीं प्रथम टाइम किड ऑफ द ईयर
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अमेरिका की बहुचर्चित पत्रिका टाइम ने भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : अमेरिका की बहुचर्चित पत्रिका टाइम ने भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव को उनके शानदार कार्य के लिए अब तक का पहला 'किड ऑफ द ईयर' के रूप में नामित किया है। गीतांजलि एक तेजतर्रार युवा वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं। गीतांजलि ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर दूषित पेयजल से लेकर अफीम की लत और साइबर धौंस जैसे मुद्दों से निपटने के मामले में शानदार कार्य किया है। गीतांजलि 8 से 16 साल के 5000 हजार बच्‍चों में से चुनी गई हैं। आइए जानते हैं गीताजंलि के बारे में टाइम मैगजीन ने क्‍या कहा....

​गीताजंलि राव से एंजलीना जोली ने लिया इंटरव्‍यू
टाइम पत्रिका ने कहा, 'यह दुनिया उन लोगों की है जो इसे आकार देते हैं। ' टाइम की प्रथम 'किड ऑफ द ईयर' के लिये 5,000 से अधिक दावेदारों में से गीतांजलि का चयन किया गया। टाइम स्पेशल के लिए अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता एंजलीना जोली ने उनका साक्षात्कार लिया। गीतांजलि ने कोलोरैडो स्थित अपने घर से जोली के साथ बातचीत की। उन्‍होंने कहा, 'अवलोकन करें, सोच विचार करें, अनुसंधान करें, निर्मित करें और उसे बताएं। ' टाइम के मुताबिक किशोरी ने कहा, 'हर समस्या का हल करने की कोशिश ना करें, बल्कि उस एक पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको उकसाता हो। यदि मैं यह कर सकती हूं तो कोई भी यह कर सकता है। '
'हम क‍िशोर पहले कभी नहीं आई समस्‍याओं से जूझ रहे'
गीतांजलि राव ने कहा कि उनकी पीढ़ी कई समस्याओं का सामना कर रही है जो पहले कभी नहीं आई थी। किशोरी ने कहा, 'लेकिन साथ ही, हम पुरानी समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं जो अब भी मौजूद है। जैसे कि हम यहां एक नयी वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं और हम अब भी मानवाधिकारों के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। ऐसी समस्याएं हैं जो हमने पैदा नहीं की हैं लेकिन उनका अब हमें प्रौद्योगिकी के जरिए हल करना है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और साइबर धौंस।'
गीताजंलि को अंडे से परहेज, करना चाहती हैं शोध
किशोरी गीतांजलि ने कहा कि जब वह दूसरी या तीसरी ग्रेड में थी तभी से उसने यह सोचना शुरू कर दिया था कि वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग किस तरह से सामाजिक बदलाव लाने में कर सकती है। किशोरी ने बताया कि वह जब 10 साल की थी तब उसने अपने माता पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर प्रौद्योगिकी पर डेनवर वाटर क्वालिटी रिसर्च लैब में अनुसंधान करना चाहती हैं। खाने के बारे में पूछे जाने पर गीताजंलि ने कहा कि हम अंडे का बहुत कम इस्‍तेमाल करते हैं। मैं अंडे के बिना बने कूकीज खाती हूं। मैंने हाल ही में ब्रेड बनाई थी और यह काफी अच्‍छी थी। मुझे इस पर गर्व है।


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