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भारतीय ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म पर दी थी झूठी जानकारी

Neha Dani
17 May 2022 2:29 AM GMT
भारतीय ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म पर दी थी झूठी जानकारी
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अन्य दो बेटों के पास भी वहां की नागरिकता है क्योंकि उन्होंने अमेरिकी लड़कियों से शादी की है.

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने एक भारतीय नागरिक के खिलाफ फैसला सुनाया, जो दशकों से वहां फर्जी तरीके से रह रहा है. शख्स ने ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म में अपनी पहचान एक अमेरिकी नागरिक के रूप में बताई थी, जबकि उसके पास वहां की नागरिकता नहीं थी.

ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म पर दी थी झूठी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, मूलरूप से भारत के नागरिक पंकज कुमार एस. पटेल साल 1992 में अवैध रूप से अमेरिका गए थे. वो लगातार वहां की नागरिकता लेने की कोशिश करते रहे. साल 2008 में जब उन्होंने ग्रीन कार्ड के लिए याचिका दायर की तो उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस फॉर्म में अमेरिकी नागरिक होने का दावा किया. इसके बाद उन पर फर्जी जानकारी देने का आरोप लगाया गया.
कोर्ट के सामने दिया ये तर्क
कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने इसके बाद पटेल के खिलाफ कार्यवाही शुरू की. पटेल ने कोर्ट में जज के सामने अपनी सफाई में तर्क दिया कि उन्होंने गलती से फॉर्म पर निशान लगा दिया. उन्होंने किसी कानून को नहीं तोड़ा है. लेकिन उनके तर्क से जज असहमत थे. इसके बाद पटेल ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ इमिग्रेशन अपील बोर्ड में अपील की और वहां भी हार गए.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया भारतीय के खिलाफ फैसला
फिर उन्होंने एक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसने फैसला सुनाया कि इस मामले में उसका अधिकार क्षेत्र नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कानून सुप्रीम कोर्ट को विवेकाधीन-राहत कार्यवाही के दौरान खोजे गए तथ्यों की समीक्षा करने की अनुमति नहीं देता है. यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को जारी रखा. अदालत के दस्तावेजों के अनुसार पटेल के तीन बेटे हैं, जिनमें से एक अमेरिकी नागरिक है. अन्य दो बेटों के पास भी वहां की नागरिकता है क्योंकि उन्होंने अमेरिकी लड़कियों से शादी की है.

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