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चीन का श्रीलंका में बढ़ते प्रभाव को ऐसे कम करेगा भारत, विदेश सचिव की यात्रा में कई अहम परियोजनाओं पर चर्चा
Renuka Sahu
5 Oct 2021 2:00 AM GMT
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फाइल फोटो
चीन का श्रीलंका में बढ़ते दखल के जवाब में भारत ने रणनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन का श्रीलंका में बढ़ते दखल के जवाब में भारत ने रणनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला की श्रीलंका यात्रा मौजूदा परियोजनाओं को गति देने के लिहाज से बेहद अहम है। साथ ही भारत श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से निकलने में मदद देने को भी तैयार है।
भारतीय निजी कंपनी का वेस्ट कंटेनर टर्मिनल में भागीदारी को भी रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह समझौता विदेश सचिव की यात्रा के पहले हुआ था। भारतीय कंपनी की 700 मिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट में मौजूदगी चीन को स्पष्ट संदेश है। इसके पहले भारत ईस्ट कंटेनर टर्मिनल समझौता खत्म किए जाने को लेकर नाखुश था। गौरतलब है कि कोलंबो दो बड़े बंदरगाह केंद्रों दुबई और सिंगापुर के बीच हिंद महासागर में स्थित है।
इस समुद्री मार्ग की महत्ता को देखते हुए कोलंबो बंदरगाह रणनीतिक लिहाज से बहुत अहमियत रखता है। सभी देश कोलंबो में अपने लिए बंदरगाह सुरक्षित करना चाहते हैं। चीन कोलंबो में बंदरगाह विकसित करने के नाम पर भारत को घेरने के लिए अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की फिराक में रहता है। सूत्रों ने कहा कि भारत चीन की आर्थिक गतिविधियों के खिलाफ नहीं है, लेकिन वो चाहता है कि श्रीलंका बंदरगाहों और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा फंड किए जाने वाले प्रोजेक्ट का भी चीन के प्रोजेक्ट की तरह ही व्यवहार करे। त्रिंकोमाली तेल फार्म प्रोजेक्ट में सुस्ती एक उदाहरण है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया
विदेश सचिव के कोलंबो दौरे में कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया गया है। इनमें भारतीय आवास परियोजना (आईएचपी) चरण-3 के तहत लाभार्थियों को 1235 घर सौंपना शामिल है। यह परियोजना श्रीलंका में विभिन्न जिलों में 1372 करोड़ की लागत से 50,000 घरों के निर्माण के लिए श्रीलंका में भारत की सबसे बड़ी अनुदान सहायता परियोजना का एक हिस्सा है। आईएचपी के तीसरे चरण के तहत कुल 4000 घरों का निर्माण किया जाना है, जिसमें से 3500 से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। लगभग 400 घरों का निर्माण कार्य चल रहा है और 63 घरों का निर्माण शुरू होना बाकी है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज का उद्घाटन भी विदेश सचिव द्वारा किया गया।
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