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भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता से आभासी शिखर सम्मेलन तक, जानिए मोदी और बाइडन के बीच क्या हुई बात

Subhi
12 April 2022 12:43 AM GMT
भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता से आभासी शिखर सम्मेलन तक, जानिए मोदी और बाइडन के बीच क्या हुई बात
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भारत-अमेरिका के बीच सोमवार को 2+2 वार्ता हुई। इसके अलावा भारत-अमेरिका आभासी शिखर सम्मेलन भी हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शिरकत की।

भारत-अमेरिका के बीच सोमवार को 2+2 वार्ता हुई। इसके अलावा भारत-अमेरिका आभासी शिखर सम्मेलन भी हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शिरकत की। इस दौरान देश-दुनिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

पांच दिवसीय दौरे पर वॉशिंगटन डीसी पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सोमवार को पेंटागन कार्यालय में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने स्वागत किया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया। यहां उन्होंने अपने समकक्ष अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन के साथ चौथी 2+2 वार्ता की। इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हुए। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। यहां भारत-अमेरिका आभासी शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने संबोधित किया।

परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध : बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आभासी सम्मेलन के बाद एक ट्वीट में कहा कि मैंने आज पीएम नरेंद्र मोदी से बात की। हम दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी को मज़बूत करने और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

क्वाड सम्मेलन में पीएम मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हूं : बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई आभासी बैठक में कहा कि वह 24 मई को जापान में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। बाइडन ने कहा कि आपको देखकर हमेशा अच्छा लगता है। मैं 24 मई (क्वाड समिट) में आपको जापान में देखने के लिए उत्सुक हूं। यह बैठक दोनों देशों के बीच 2+2 वार्ता से पहले आयोजित की गई थी। बाइडन ने कहा कि अमेरिका और भारत एक मजबूत और बढ़ती 'प्रमुख रक्षा साझेदारी' साझा करते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन संघर्ष का भी जिक्र किया और कहा कि भारत और अमेरिका रूसी युद्ध के अस्थिर प्रभावों का प्रबंधन करने के तरीके पर घनिष्ठ परामर्श जारी रखेंगे। बाइडन ने कहा कि मैं यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत करना चाहता हूं। पिछले हफ्ते एक ट्रेन स्टेशन पर हुई दुखद गोलाबारी सहित अन्य भयानक हमलों के निर्दोष लोग शिकार बन रहे हैं, इनमें वह दर्जनों निर्दोष बच्चे और महिलाएं और नागरिक शामिल हैं जो हिंसा से दूर जाने का प्रयास कर रहे हैं।

अमेरिका-भारत के रिश्ते आज जहां, कुछ दशक पहले कल्पना भी नहीं थी : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ वर्चुअल वार्ता के दौरान कहा, दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत और अमेरिका एक दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी हैं और दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों में रिश्तों में जो विकास हुआ है, जो गति आई है उसकी कुछ दशक पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर बाइडन के नारे को याद करते हुए कहा, अपने कार्यकाल के आरंभ में आपने कहा था कि 'लोकतंत्र से संभव' है। इस नारे को अर्थपूर्ण बनाने के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी और रिश्तों का सफल होना सबसे बढ़िया तरीका है।

वहीं, बैठक की शुरुआत में बाइडन ने कहा, प्रधानमंत्री जी, दोनों देशों के संबंधों के और गहरा और मजबूत होने में हमारे बीच लगातार होने वाली बातचीत और विचार-विमर्श महत्वपूर्ण कारक है। इससे हमारे लोगों और विश्व का भला होगा। खासकर विश्व के आपके हिस्से में, जिसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। बाइडन ने कहा, हमारी साझेदारी की जड़ में हमारे लोगों का गहरा संपर्क, पारिवारिक दोस्ती और साझा मूल्य हैं। भारत और अमेरिका को दो जीवंत लोकतंत्र करार देते हुए बाइडन ने कहा, कोविड-19, स्वास्थ सुरक्षा और जलवायु संकट के कारण पैदा हुई वैश्विक चुनौतियों को लेकर हमारी साझा चिंताएं हैं। साथ ही भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा संबंध है।

रूस-यूक्रेन पर निर्णय लेने के लिए भारत स्वतंत्र

अमेरिका ने राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम मोदी के बीच सोमवार को हुए वर्चुअल बैठक में रूस को लेकर तेल आयात या अन्य किसी तरह की कोई विशेष मांग भारत के सामने नहीं रखी है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने यह दावा करते हुए यह भी कहा कि रूस से तेल आयात कर भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन से जुड़े विभिन्न मामलों में भारत अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के शीर्ष नेताओं के बीच यह बैठक तब हुई जब रूस से तेल खरीद और यूक्रेन संकट को लेकर भारत के रुख के मामले में अमेरिका असहज रहा है। जेन साकी ने कहा, दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन से जुड़े कई मामलों पर चर्चा हुई। यह बहुत सौहार्दपूर्ण बातचीत थी। मुझे लगता है कि हम सबने पीएम मोदी की टिप्पणियों को भी देखा। ये एकदम सीधी बातचीत थी। ईंधन का मुद्दा निश्चित रूप से विचार का विषय था।

राजनाथ को अमेरिकी रक्षामंत्री ने चीन के खिलाफ सहयोग का भरोसा दिलाया

अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन लॉयड ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को एलओसी पर चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया। रक्षा और विदेशमंत्री स्तर की टू प्लस टू वार्ता में दोनों नेताओं ने सैन्य सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। विदेशमंत्री जयशंकर और अमेरिका के विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच भी वार्ता हुई।

चार चरणों में हो रहीं इन वार्ताओं को दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में काफी अहमियत दी जा रही है। बाइडन सरकार बनने के बाद पहली बार उनकी कैबिनेट के किसी वरिष्ठ सहयोगी ने भारतीय सीमा में चीन के अतिक्रमण का मुद्दा उठाया और चीन की तरफ से बनाई जा रहीं ढांचागत सुविधाओं का जिक्र किया।

अमेरिका ने कहा, भारत के साथ मिलकर काम करते रहेंगे

चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर अमेरिका की यह बात बेहद मायने रखती है। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर भी विचार विमर्श किया। अमेरिका ने यह भी कहा कि वह चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ काम करता रहेगा।


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