विश्व

भारत-अमेरिका ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की जरुरत महसूस की

Rani Sahu
28 Sep 2022 8:56 AM GMT
भारत-अमेरिका ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की जरुरत महसूस की
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वाशिंगटन, भारत और अमेरिका (India and America) ने मौजूदा भू राजनीतिक परिस्थितियों में अपने रिश्तों को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है और यूक्रेन संकट, ऊर्जा सुरक्षा (energy security) एवं हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समन्वय और निकट सहयोग बढ़ाने की जरूरत (need to increase cooperation) महसूस की। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन के बीच आज यहां द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों मंत्रियों ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
ब्लिंकन ने कहा कि कल रात के भोजन के वक्त और आज की बैठक में हमने हमारी रणनीतिक साझीदारी को मजबूत करने और समान उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि दिसंबर में भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा और अगले साल जी 20 का नेतृत्व करेगा। इससे वह अधिक वैश्विक सहयोग हासिल करने में कामयाब रहेगा। ब्लिंकन ने कहा कि हमारे देशों के बीच साझीदारी विश्व में सर्वाधिक परिणामकारी है जो हर वैश्विक चुनोती का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि दुनिया के किन्हीं दो देशों में भविष्य को आकार देने में हम ज्यादा समर्थ होते।
डाॅ. जयशंकर ने कहा कि आज की बैठक में हमने राजनीतिक समन्वय, क्षेत्रीय मामलों एवं अतंरराष्ट्रीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण आकलन का आदान प्रदान, यूक्रेन युद्ध और हिन्द प्रशांत क्षेत्र पर अहम चर्चा की है। हमारे बीच राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर हुई है। यूक्रेन युद्ध और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रीय, आर्थिक, तकनीक एवं सुरक्षा संबंधी सहयोग और प्रगाढ़ हुए हैं। भारत की नयी शिक्षा नीति को लेकर खासी दिलचस्पी है। भारत आतंकवाद को लेकर वांछित अपराधियों को सफलता मिलेगी। ऊर्जा बाजार बहुत दबाव में है। विकासशील देशों में इस मुद्दे पर बहुत बड़ी चिंता व्याप्त है। हम इसे तनाव मुक्ति के लिए हरसंभव कोशिश को महत्वपूर्ण मानते हैं।
विदेश मंत्री ने रूसी हथियारों के मुद्दे पर भी भारत की बात रखी और क्वाॅड के काम की प्रशंसा की।
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