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UNSC में चीन-पाकिस्तान पर उखड़ा भारत, आतंकी 'मक्की' को बचाने पर सुनाई खरी-खरी

Subhi
10 Aug 2022 12:55 AM GMT
UNSC में चीन-पाकिस्तान पर उखड़ा भारत, आतंकी मक्की को बचाने पर सुनाई खरी-खरी
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पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध से बचाने पर भारत ने चीन और पाकिस्तान (China- Pakistan) को कड़ी फटकार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मंगलवार को हुई बैठक में भारत ने कहा, 'यह बेहद खेदजनक है

पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध से बचाने पर भारत ने चीन और पाकिस्तान (China- Pakistan) को कड़ी फटकार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मंगलवार को हुई बैठक में भारत ने कहा, 'यह बेहद खेदजनक है कि दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट (काली सूची में डालने) करने के लिए सही और तथ्यपरक प्रस्ताव को डंडे बस्ते में डाल दिया गया. इस तरह के दोहरे मानदंड ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्ववसनीयता को सर्वकालिक निम्न स्तर पर पहुंचा दिया है.

जून में मक्की के खिलाफ पेश किया गया था प्रस्ताव

बताते चलें कि इस साल जून में भारत और अमेरिका ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था. लेकिन पाकिस्तान के कहने पर चीन (China) ने इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया था, जिसके चलते मक्की को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव खारिज हो गया था. इसी मुद्दे पर भारत ने चीन-पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई.

'आतंकियों को बैन करने में न हो हीला-हवाली'

आतंकवाद विषय पर चीन की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कि आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध को बिना स्पष्टीकरण दिए लंबित रखने या बाधित करने की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'प्रतिबंध समिति के प्रभावी कार्य के लिए जरूरी है कि वह अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निष्पक्ष हो. आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध को बिना सुने और स्पष्टीकरण दिए लंबित रखने या बाधित करते की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए.'

'समिति की विश्वसनीयता निचले स्तर पर गई'

रूचिरा कम्बोज (Ruchira Kamboj) ने कहा, 'यह बहुत खेदजनक है कि दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए सही और तथ्य आधारित प्रस्ताव लंबित रखा जा रहा है.'उन्होंने कहा, 'दोहरा मानदंड और राजनीतिकरण के जारी रहने से प्रतिबंध समिति की विश्वसनीयता सर्वकालिक निम्न स्तर पर चली गई है. हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा परिषद के सभी देश तब एक आवाज में बोलेंगे जब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात आएगी.'


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