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भारत ने बताया क्यों जरूरी है रोहिंग्याओं का बांग्लादेश से म्यांमार लौटना

Gulabi
27 Feb 2021 11:54 AM GMT
भारत ने बताया क्यों जरूरी है रोहिंग्याओं का बांग्लादेश से म्यांमार लौटना
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भारत ने म्यांमार से विस्थापित होने वाले रोहिंग्याओं को लेकर चिंता जाहिर की है

India Says Rohingya's Should Return From Bangladesh to Myanmar: भारत (India) ने म्यांमार (Myanmar) से विस्थापित होने वाले रोहिंग्याओं (Rohingya Issue) को लेकर चिंता जाहिर की है. भारत ने रोहिंग्या के बांग्लादेश से म्यांमार जल्द लौटने पर जोर देते हुए कहा कि मुद्दे के समाधान में उसका सबसे बड़ा हित है क्योंकि यह एकमात्र देश है जिसकी दोनों देशों से लंबी सीमा लगती है. म्यांमार की स्थिति पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि देश में हुई हालिया घटनाओं से अभी तक हुई प्रगति में बाधा नहीं पहुंचे.


उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सकारात्मक कदमों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए. बांग्लादेश (Rohingya Bangladesh) के कॉक्स बाजार में 11 लाख से अधिक रोहिंग्या रह रहे हैं, जो सेना की कार्रवाई के बाद म्यांमार से भागे थे. सेना की कार्रवाई को कई अधिकार समूह 'जातीय सफाया' (Rohingya Genocide In Myanmar) करार देते हैं. म्यांमार रोहिंग्या को जातीय समूह नहीं मानता और उसका मानना है कि वे बांग्लादेशी प्रवासी हैं जो अवैध रूप से देश में रह रहे हैं. म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को देश में तख्तापलट कर वहां की नेता आंग सान सू की को हिरासत में ले लिया था.

वापसी अभियान के बीच हुआ तख्तापलट
सैन्य तख्तापलट ऐसे वक्त में हुआ जब बांग्लादेश 11 लाख रोहिंग्या की सुरक्षित वापसी के लिए अभियान चला रहा था.
म्यांमार के रखाइन प्रांत से विस्थापित लोगों के मुद्दे पर तिरूमूर्ति ने कहा कि विस्थापित लोगों की वापसी के मुद्दे को सुलझाने में भारत का सबसे बड़ा हित है क्योंकि यह एकमात्र ऐसा देश है जिसकी बांग्लादेश और म्यांमार से (Rohingya Crisis Explained) लंबी सीमा लगती है. उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे पर संतुलित और सकारात्मक रुख अपनाने के लिए हम अपने सहयोगियों की लगातार काउंसलिंग कर रहे हैं. भारत लगातार संबंधित पक्षों को व्यावहारिक समाधान ढूंढने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.'

जल्द समाधान होने पर बल दिया
उन्होंने रोहिंग्या के मुद्दे के जल्द समाधान की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, 'विस्थापित लोगों के म्यांमार के रखाइन प्रांत (Rohingya Belong To Which Part of Myanmar) स्थित अपने घरों में सुरक्षित, जल्दी वापसी के लिए भारत, बांग्लादेश और म्यांमार की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेगा.' दस लाख से अधिक विस्थापित लोगों को अपनी जमीन पर आश्रय देने के लिए बांग्लादेश की प्रशंसा करते हुए भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जरूरी है कि वह मानवीय बोझ को समझे जिसका सामना बांग्लादेश को करना पड़ रहा है. तिरूमूर्ति ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश की सरकार का वित्तीय और अन्य तरीके से समर्थन करना चाहिए, शिविरों में कट्टरपंथ से जुड़े मुद्दे और अन्य सुरक्षा चुनौतियों का भी त्वरित समाधान करने में सहयोग करना चाहिए.


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