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भारत ने यूएनएससी में आतंकवाद को लेकर चीन पर निशाना साधा, आतंकियों के खिलाफ दोहरा रवैया खतरनाक...

Neha Dani
10 Aug 2022 5:10 AM GMT
भारत ने यूएनएससी में आतंकवाद को लेकर चीन पर निशाना साधा, आतंकियों के खिलाफ दोहरा रवैया खतरनाक...
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इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने पर चर्चा की जाएगी।

न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को लेकर चीन को खूब सुनाया है। अपने भाषण में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सख्त लहजे में कहा कि आतंकियों के खिलाफ दोहरा रवैया काफी खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को हराने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। आतंकियों का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। दरअसल, इसी साल जून में चीन ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। तब भी भारत ने चीन के इस हरकत को लेकर काफी नाराजगी जताई थी।

भारत बोला- आतंकवाद से पूरी दुनिया को खतरा
रुचिरा कंबोज ने यूएनएससी में अपने संबोधन के शुरुआत में कहा कि आतंकवाद से सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा को खतरा है। इस कारण इस वैश्विक चुनौती के प्रति हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत, समन्वित और सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रभावी होनी चाहिए। भारत ने अफगानिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारा निकटतम पड़ोस भी हाल ही में आतंकवादी घटनाओं की बाढ़ का गवाह रहा है। काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे पर हुए हालिया हमले और 27 जुलाई को उसी गुरुद्वारा के पास एक और बम विस्फोट सहित अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बेहद खतरनाक है।


अफगानिस्तान में आईएसआईएस की मौजूदगी पर भारत सख्त
भारत ने कहा कि इस्लामिक स्टेट खुरसान अफगानिस्तान में अपने बेस से अन्य देसों पर भी आतंकवादी हमले की धमकी देना जारी रखे हुए है। यूएनएससी में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के तौर पर लिस्टेड लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद के बीच संबंध शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं। ये आतंकी समूह लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं। भारत ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इस तरह के प्रतिबंधित आतंकवादियों, संस्थाओं या उनके छद्म समूहों को कोई मौन या प्रत्यक्ष रूप से समर्थन न प्राप्त हो।

कई आतंकियों को निगरानी सूची से हटाने पर बरसा भारत
भारत ने हैरानी जताते हुए कहा कि यूएनएससी की रिपोर्ट में इस क्षेत्र में कई प्रतिबंधित समूहों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं देने का फैसला किया गया है। ये समूह विशेष तौर पर बार-बार भारत को निशाना बना रहे हैं। सदस्य देशों से मिलने वाले इनपुट को टॉरगेट कर फिल्टर करने की कोई जरूरत नहीं है। भारत ने कहा कि रिपोर्ट इस तथ्य को भी रेखांकित करती है कि आईएसआईएल और अल कायदा से जुड़े आतंकवादी समूह अफ्रीका में ताकत हासिल कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का पूरा ध्यान इस बात पर है कि इस खतरे को अलग-थलग न देखा जाए।

भारत बोला- सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे आतंकी
भारत ने कहा कि आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी प्रचार के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बढ़ते उपयोग ने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। रूचिरा कंबोज ने बताया कि भारत सीटीसी के अध्यक्ष के रूप में 28-29 अक्टूबर को मुंबई और दिल्ली में एक विशेष सीटीसी सत्र की मेजबानी करेगा। इसमें इंटरनेट, सोशल मीडिया और प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग उससे उत्पन्न खतरे की प्रकृति और इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने पर चर्चा की जाएगी।


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