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आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने की जरुरत है।
अफगानिस्तान में अशांति के मुद्दे पर चर्चा के लिए तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जुटे हैं। भारत के एनएसए अजित डोभाल भी दुशांबे में हुई इस अहम बैठक में शामिल हुए। डोभाल के अलावा तजाकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गीस्तान और चीन के एनएसए ने इस वार्ता में हिस्सा लिया।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर हुई चर्चा
एएनआइ के सूत्रों के मुताबिक, एनएसए ने अफगानिस्तान और क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए तरीके खोजने की आवश्यकता पर जोर डाला।
क्या बोले अजित डोभाल?
National Security Advisers of Tajikistan, India, Russia, Kazakhstan, Uzbekistan, Iran, Kyrgyzstan and China participate in the 4th Regional Security Dialogue on Afghanistan in Dushanbe pic.twitter.com/afBM0iyX2T
— ANI (@ANI) May 27, 2022
बैठक में शामिल हुए डोभाल ने भारत का पक्ष रखा। डोभाल ने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा रहा है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2021 के बाद भारत पहले ही 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की प्रतिबद्धता में से 17,000 मीट्रिक टन गेहूं, कोवैक्सिन की 5 लाख खुराक, 13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और सर्दियों के कपड़ों के साथ-साथ 60 मिलियन खुराक दे चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने की जरुरत है।
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