भारत ने संयुक्त देश मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कुरान जलाने के विरोध की निंदा करने वाले पाक के प्रस्ताव (Pakistan resolution) का समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि पाक कुरान जलाने की घटना के विरूद्ध संयुक्त देश मानवाधिकार परिषद में धार्मिक घृणा से जुड़ा एक प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव को बुधवार को स्वीकृति दे दी गई। इस प्रस्ताव के जरिए पूरे विश्व के राष्ट्रों की सरकारों से धार्मिक घृणा को रोकने के लिए कठोर से कठोर कदम लागू करने का आह्वान किया था।
संयुक्त देश की वोटिंग में कौन किधर रहा?
संयुक्त देश मानवाधिकार परिषद ने बताया गया कि 57 इस्लामिक राष्ट्रों के संगठन ओआईसी (OIC) की ओर से पाक और फिलिस्तीन द्वारा लाए प्रस्ताव को 28-12 वोटों के साथ जबरदस्त समर्थन मिला, जबकि सात राष्ट्र वोटिंग से अनुपस्थित रहे। 12 राष्ट्रों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। इन राष्ट्रों में अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया, लिथुआनिया, कोस्टा रीका और फिनलैंड भी शामिल है। जबकि हिंदुस्तान और चीन समेत कुल 28 राष्ट्रों ने पाक के प्रस्ताव का समर्थन किया। 7 राष्ट्र ऐसे भी थे, जिन्होंने किसी का भी समर्थन नहीं किया। इन राष्ट्रों में नेपाल भी शामिल है।
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया पश्चिमी राष्ट्रों की हार
प्रस्ताव का समर्थन करने वाले राष्ट्रों का बोलना है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। वहीं पश्चिमी राष्ट्रों ने ऐसी घटनाओं की निंदा जरूर की, लेकिन अपना तर्क देते हुए ये भी बोला कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब कभी-कभी असहनीय विचारों को भी सहना होता है। कई विकासशील राष्ट्रों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जिनमें चीन, हिंदुस्तान और पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) और कुछ अफ्रीकी राष्ट्र शामिल थे। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। वहीं यूएन में पाक को मिले 28 राष्ट्रों के समर्थन को पाकिस्तानी मीडिया ने पश्चिमी राष्ट्रों की हार बताया है।
यह प्रस्ताव पिछले महीने स्वीडिश ऑफिसरों द्वारा एक इराकी आप्रवासी को स्टॉकहोम मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की अनुमति देने के मद्देनजर आया है, जिससे मुसलमान जगत के राष्ट्रों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने कार्रवाई की मांग की थी।