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हिंद महासागर में भारत, श्रीलंका और मालदीव के तटरक्षकों ने मिलकर दो दिवसीय साझा सामुद्रिक सैन्य अभ्यास ‘दोस्ती’ को अंजाम दिया। इसका उद्देश्य महासागर में सुरक्षा को पुख्ता करना व चौकसी बढ़ाना था।
हिंद महासागर में भारत, श्रीलंका और मालदीव के तटरक्षकों ने मिलकर दो दिवसीय साझा सामुद्रिक सैन्य अभ्यास 'दोस्ती' को अंजाम दिया। इसका उद्देश्य महासागर में सुरक्षा को पुख्ता करना व चौकसी बढ़ाना था। भारतीय उच्चायोग ने रविवार को बताया कि सैन्य ऑपरेशन मिलकर अंजाम देने और तीनों देशों द्वारा एकदूसरे के लिए काम करने की क्षमताओं को भी सुधारा गया।
हर दो साल में होने वाले इस अभ्यास का यह 15वां मौका था। 2021 में इस अभ्यास के तीस साल भी पूरे हो गए हैं। इसकी शुरुआत तीन दशक पहले भारत और मालदीव के तटरक्षकों ने की थी। साल 2012 में श्रीलंका भी इसमें शामिल हो गया।
ताजा अभ्यास में भारत की ओर से आईएनएस सुभद्रा ऑफ-शोर पेट्रोल वैसल और लंबी दूरी के सामुद्रिक निगरानी विमान पी-8आई ने हिस्सा लिया। श्रीलंका व मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा सेनाओं से क्रमश: एसएलएनएस समुदुरा और एमएनडीएफ मैरिटाइम रेकोनासेंस एयरक्राफ्ट डॉर्नियर शामिल हुए।
इस अभ्यास का फायदा क्या?
कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि कोलंबो सिक्युरिटी कॉन्क्लेव के अधीन हुआ यह अभ्यास सामुद्रिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इसमें सुरक्षा उपायों को पुख्ता कर तीनों नौसेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाया गया।
महासागर में तीनों देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने, निगरानी रखने, आपदा के समय बचाव व राहत कार्य अंजाम देने और आपसी संपर्क सुधारने में मदद मिलेगी।
तीनों देशों की मित्रता और गाढ़ी होगी, भारत के सामुद्रिक सुरक्षा हितों के लिए श्रीलंका और मालदीव विशेष रणनीतिक महत्व रखते हैं।
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