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अध्यक्षता के लिए मालदीव की उम्मीदवारी का समर्थन करने का वादा किया।
भारत ने मालदीव के साथ करीब 363 करोड़ रुपये का लाइन ऑफ क्रेडिट रक्षा समझौता किया। यह राशि पहले से स्वीकृत ऋण के तौर पर मालदीव को दी जाएगी, जिसे वह अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमताएं बढ़ाने पर खर्च कर सकेेगा।
इस दौरान भारत के विदेशी मामलात मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंध और मजबूत करने, सीमापार आतंकियों से लड़ने व सहयोग के नए क्षेत्रों को लेकर बातचीत की।
यह समझौता मालदीव के वित्त मंत्रालय व भारत के आयात-निर्यात बैंक (एक्सिम) के बीच हुआ। इसमें जयशंकर व मालदीव की रक्षामंत्री मारिया अहमद, वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर, आर्थिक विकास मंत्री फैयाज इस्माइल और राष्ट्रीय योजना व आवास मंत्री मोहम्मद असलम शामिल थे। एक्सिम यहां दो हजार आवास बनाने में भी सहयोग देगा।
प्रमुख समझौते व सहयोग
- मालदीव राष्ट्रीय सुरक्षा तटरक्षक बल सिफावारु बंदरगाह के विकास, सहयोग व रखरखाव में भारत मदद देगा।
- अप्रैल 2013 में मालदीव द्वारा किए निवेदन के तहत उसके द्वीपों व आर्थिक क्षेत्रों में नियंत्रण व निगरानी के लिए भारत उसके रक्षाबलों को मदद देगा।
- मालदीव की तटरक्षा क्षमता व सुविधाओं के विकास के लिए भारत मानवीय मदद व आपात राहत मुहैया करवाएगा।
- मालदीव के दूसरे बड़े शहर अद्दू में सड़कें बनाने में भी मदद देगा। इस प्रकार के आठ प्रोजेक्ट पर दोनों देश साथ काम करेंगे।
- शनिवार को ही जयशंकर ने मालदीव को कोविड-19 टीके की एक लाख डोज अतिरिक्त मुहैया करवाईं।
- कोविड-19 के दौरान 1813 करोड़ रुपये का वित्तीय सहयोग भी मालदीव के बजट में भारत दे रहा है।
- खेलों के विकास के लिए भी भारत यहां करीब 290 करोड़ के ऋण देने जा रहा है।
मालदीव ने कहा, समझौते मील का पत्थर
रक्षामंत्री ने कहा कि सिफावारु तटरक्षक बंदरगाह का विकास दोनों देशों के संबंधों में मील का पत्थर साबित होगा। वहीं यहां के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को हा कि 20 जनवरी को दी गई 1 लाख कोविड-19 डोज के बाद एक लाख और डोज की सप्लाई मालदीव के लिए महत्वपूर्ण मदद है।
मालदीव ने भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए साथ देने सहयोग का वादा किया। वहीं भारत ने भी 76वें महासभा सत्र में अध्यक्षता के लिए मालदीव की उम्मीदवारी का समर्थन करने का वादा किया।
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