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श्रीलंका को वित्तीय मदद देने पर सहमति जताई है।
नेबरहुड फर्स्ट की अपनी नीति के साथ भारत एक बार फिर से श्रीलंका की मदद के लिए भारत आगे आया है। आर्थिक संकट के दौरान कोलंबो में उच्चायुक्त गोपाल बागले (Gopal Baglay) ने शुक्रवार को कुल 3.3 टन आवश्यक मेडिकल सप्लाई 1990 सुवासेरिया एंबुलेंस सर्विस को भेजी। वहीं श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 1.8 बिलियन रुपये का फंड कोविड-19 हेल्थकेयर और सोशल सिक्योरिटी फंड को दिया है। इस फंड से आवश्यक दवाइयां मंगवाई जाएंगी।
बागले ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जब मार्च 2022 में कोलंबो स्थित सुवासेरिया हेडक्वार्टर के दौरे पर थे तभी उन्हें मेडिकल सप्लाई की किल्लत के बारे में अवगत कराया गया था। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने बताया, 'श्रीलंका की जनता को किया गया एक और वादा पूरा किया गया! मार्च में विदेश मंत्री जयशंकर के दौरे के समय दवाओं की किल्लत से अवगत कराया गया था। उच्चायोग ने 3.3 टन मेडिकल सप्लाई फाउंडेशन को सौंप दी।'
मेडिकल सप्लाई की तत्काल जरूरत पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्चायोग ने कहा कि INS घड़ियाल (Gharial) को विशेषकर इसी काम के लिए तैनात किया गया है। सुवासेरिया फाउंडेशन के साथ ही जनरल हास्पीटल हंबनटोटा, टीचिंग हास्पीटल, पेराडेनिया और टीचिंग हास्पीटल, जाफना को भी INS घड़ियाल के जरिए मेडिकल सप्लाई मिली गई।
बयान में यह भी है, 'पिछले दो महीनों में श्रीलंकाई करेंसी SLR 370 मिलियन के मेडिकल सप्लाई को भारत सरकार द्वारा 25 टन से अधिक खर्च पर भेजा गया है। करीब 3.5 बिलियन डालर की वित्तीय सहायता जैसे चावल, मिल्क पाउडर और किरोसिन तेल आदि के अलावा यह मेडिकल सप्लाई भेजी गई है।' इससे पहले श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने 25 टन से अधिक मेडिकल खेप कोलंबो में स्वास्थ्य मंत्री कहेलिया रांबुकवेल्ला को दिया था।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद्य सामग्री की किल्लत व अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को खाद की आपूर्ति का भरोसा दिया है। विश्व बैंक ने भी यूरिया की खरीद के लिए श्रीलंका को वित्तीय मदद देने पर सहमति जताई है।
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