ऊर्जा संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने मंगलवार को 40,000 टन ईंधन की आपूर्ति की। श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत श्रीलंका का एक सच्चा दोस्त और प्रतिबद्ध साझेदार है। उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका को ईंधन की खेप सौंपी।
श्रीलंका ने भारत की सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल लिमिटेड (आईओसी) से 40,000 टन पेट्रोल एवं डीजल खरीदने का फैसला किया था। श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी की वजह से पिछले कुछ समय से इस देश को गंभीर ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ रहा है।
ईंधन की खेप को लेकर तेल टैंकर स्वर्ण पुष्प कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। यहां इसका स्वागत बागले और श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिल्ले ने किया।
जनवरी में भारत ने श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर का ऋण देने का एलान भी किया था। इसका इस्तेमाल देश में जरूरी सामानों की किल्लत दूर करने के लिए आयात में होना है। फरवरी में भी भारत ने श्रीलंका को ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने पर सहमति जताई थी।
आर्थिक राहत पैकेज को औपचारिक रूप देने भारत आएंगे श्रीलंकाई वित्तमंत्री
श्रीलंका के वित्तमंत्री बेसिल राजपक्षे भारत से प्राप्त आर्थिक राहत पैकेज को औपचारिक रूप देने के लिए अगले दो सप्ताह के दौरान भारत का दौरा करेंगे। श्रीलंकाई विदेश मंत्री जीएल पीएरिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पीएरिस ने कहा कि दिसंबर में राजपक्षे की भारत यात्रा उपयोगी साबित हुई। इस दौरे पर भारत से 2.4 अरब डॉलर की सहायता मिली।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक संकट में भारत का योगदान काफी सकारात्मक और महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री ने कहा कि राजपक्षे की अगली यात्रा श्रीलंका के लिए खाद्य और दवाओं के आयात के लिए एक अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।