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यूएनएससी में भारत ने कहा- परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता, रूस पर भड़के अमेरिका

Subhi
5 March 2022 12:44 AM GMT
यूएनएससी में भारत ने कहा- परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता, रूस पर भड़के अमेरिका
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में अब परमाणु हमलों का खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन संकट पर आपात बैठक बुलाई।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में अब परमाणु हमलों का खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन संकट पर आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हम यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों और सुविधाओं पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। हम किसी भी घटना में परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि मानते हैं।

परमाणु गतिविधि के गंभीर परिणाम हो सकते हैं

भारत परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च महत्व देता है क्योंकि परमाणु सुविधाओं से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। साथ ही भारत ने कहा संविधि के अनुसार प्रभावी, गैर-भेदभावपूर्ण और कुशल तरीके से आईएईए द्वारा अपने सुरक्षा उपायों और निगरानी गतिविधियों के निर्वहन को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

भारत ने जाहिर की भारतीयों की चिंता

साथ रही युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की चिंता करते हुए भारत ने कहा कि जब हम इस संघर्ष के परमाणु आयाम पर चर्चा कर रहे हैं, यूक्रेन में हमारे सामने एक गंभीर मानवीय संकट है, जहां हजारों भारतीयों सहित नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के बीच दूसरे दौर की बातचीत सुरक्षित मानवीय स्थिति तक ले जाएगी।

रूस पर बरसे अमेरिका और पश्चिमी देश

यूक्रेन के जैपोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूसी हमले के मामले में बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक में सदस्य देशों ने रूस की आलोचना की। वहीं भारत ने बैठक में कहा कि इन संयंत्रों पर हमले के घातक परिणाम हो सकते हैं। भारत ने यह भी कहा कि सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में बढ़ रही मानवीय त्रासदी का संज्ञान लेना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद में कहा, दुनिया कल भयानक हादसे से बाल-बाल बची है। रूस के हमले ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को गंभीर जोखिम में डाल दिया। ये गंभीर लापरवाही और खतरनाक है और इसने रूस, यूक्रेन समेत पूरे यूरोप के नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था।

ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, ऐसा फिर नहीं होना चाहिए। यूक्रेन में अवैध आक्रमण के बावजूद रूस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आगे से वह परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा का ध्यान रखेगा। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, ब्रिटेन और अमेरिका ने बुलाई है।

रूस ने खारिज किए आरोप

रूस के राजदूत वेसिली नेबेंजिया ने पश्चिमी देशों के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि शुक्रवार की आपात बैठक यूक्रेन के अधिकारियों की कृत्रिम हिस्टीरिया पैदा करने की एक और कोशिश है। उन्होंने कहा, वर्तमान में जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र और उससे सटे इलाके रूसी सैनिकों द्वारा पूरी निगरानी में हैं।

घातक परिणाम होंगे : भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद की बैठक में कहा, भारत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वाधिक महत्व देता है, क्योंकि इनमें कोई भी दुर्घटना होने से जन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने एक बार फिर युद्ध विराम करने और सभी आक्रमणों को रोकने पर जोर दिया।

गैर जिम्मेदारना कदम : रोजमेरी

सुरक्षा परिषद के राजनीति और शांति स्थापना मामलों की अंडर सेक्रेटरी जनरल रोजमेरी डिकार्लो ने बैठक में कहा, परमाणु संयंत्रों तथा अन्य नागरिक संरचनाओं के आसपास सैन्य कार्रवाई न सिर्फ अस्वीकार्य है बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना भी है। यूक्रेन से बेहतर इस बात को कोई नहीं जानता क्योंकि 1986 में चेर्नोबिल में हुआ हादसा जीता-जागता सबूत है कि क्यों सभी परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित करना अति महत्वपूर्ण है।


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