भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में कहा कि 1993 में मुंबई बम धमाकों के लिए जिम्मेदार अपराध सिंडिकेट को न सिर्फ सरकारी संरक्षण दिया गया बल्कि उनकी पांच सितारा स्तर की आवभगत भी की गई। भारत का परोक्ष रूप से इशारा पाकिस्तान में कथित रूप से छिपे डी-कंपनी के प्रमुख दाऊद इब्राहिम की ओर था।
वैश्विक आतंकरोधी परिषद द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय आतंकरोधी सम्मेलन, 2022 को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अंबेसडर टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के बीच संबंधों का पूरी तरह संज्ञान लिया जाना चाहिए और पूरी ताकत से निपटा जाना चाहिए। मालूम हो कि अगस्त, 2020 में पाकिस्तान ने पहली बार अपनी जमीन पर दाऊद इब्राहिम की उपस्थिति को स्वीकार किया था जब सरकार ने 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और उनके नेताओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाए थे। इसमें दाऊद का नाम भी शामिल था।
तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने अपने काम करने का तरीका बदल लिया है और अब वह सीरिया व इराक में अपनी ताकत फिर बटोर रहा है। वहीं उससे जुड़े क्षेत्रीय संगठन अपने विस्तार को खासतौर पर अफ्रीका और एशिया में मजबूत कर रहे हैं। इसी तरह अलकायदा बड़ा खतरा बना हुआ है और अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम ने उसे पुनर्जीवन दिया है। अलकायदा के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे सुरक्षा परिषद से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। अफ्रीका में उससे जुड़े क्षेत्रीय संगठन लगातार विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों को 'आपका आंतकी' और 'मेरा आतंकी' के रूप में वर्गीकृत करने का दौर समाप्त हो चुका है।
कुल मिलाकर संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने पाक और दाऊद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 1993 के मुंबई बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार अपराध सिंडिकेट को न सिर्फ सरकारी संरक्षण दिया गया बल्कि उनकी पांच सितारा स्तर की आवभगत भी की गई।