विश्व

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त इलाकों में बेरोकटोक मानवीय सहायता पहुंच की मांग को भारत ने दोहराया

Renuka Sahu
30 March 2022 1:13 AM GMT
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त इलाकों में बेरोकटोक मानवीय सहायता पहुंच की मांग को भारत ने दोहराया
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फाइल फोटो 

भारत ने यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में बिना रोकटोक अबाध मानवीय सहायता पहुंचाने पर जोर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत ने यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में बिना रोकटोक अबाध मानवीय सहायता पहुंचाने पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया है। भारत लगातार रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाता रहा है।

मौजूदा स्थिति पर भारत ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि, भारत मौजूदा स्थिति पर बहुत चिंतित है, जो लगातार बिगड़ती जा रही है। हम यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष के क्षेत्रों में अबाध मानवीय पहुंच के अपने आह्वान को दोहराते हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में प्रभावित आबादी की मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में, संयुक्त राष्ट्र और इसकी एजेंसियों जैसे OCHA और WFP की पहल ने चल रही कोशिशों प्रयासों को मजबूत किया है। हम यूरोपीय संघ के देशों के फैसलों पर भी ध्यान दे रहे हैं जो यूक्रेन के लिए मानवीय वाहकों के परमिट-मुक्त पारगमन के लिए सहमत हुए हैं।
भारत की तरफ से मानवीय सहायता जारी
तिरुमूर्ति ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन के लोगों की मानवीय जरूरतों के तरफ सकारात्मक प्रतिक्रिया रखेगा। यूक्रेन में गंभीर मानवीय संकट की स्थिति को देखते हुए भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को 90 टन से अधिक मानवीय आपूर्ति भेज चुका है। इसमें शरणार्थियों के लिए दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री शामिल है। तिरुमूर्ति ने बताया कि हम आने वाले दिनों में और अधिक मानवीय सहायता प्रदान करेंगे। जिनमें खासतौर से आवश्यक दवाओं की आपूर्ति को शामिल किया गया है।
भारत का कूटनीति के रास्ते समाधान पर जोर
तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का पहले से ही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। खासतौर से कई विकासशील देशों पर, जिसमें आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान भी शामिल है। ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि हम पूरे यूक्रेन में युद्ध को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर इसे दोहराया है और इस बात पर जोर दिया है कि बातचीत और कूटनीति के अलावा इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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