विश्व
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में उठाए गंभीर मुद्दे, कोरोना वैक्सीन सहित इन बातों पर हुई चर्चा
Renuka Sahu
1 Nov 2021 1:46 AM GMT
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फाइल फोटो
केंद्रीय मंत्री और जी-20 बैठक में भारत के प्रतिनिधि पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत जी-20 के नेताओं ने सहमति जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को Covid-19 टीकों के इमरजेंसी यूज की मंजूरी को लेकर प्रक्रिया तेज करने के लिए मजबूत किया जाएगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय मंत्री और जी-20 बैठक में भारत के प्रतिनिधि पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत जी-20 के नेताओं ने सहमति जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को Covid-19 टीकों के इमरजेंसी यूज की मंजूरी को लेकर प्रक्रिया तेज करने के लिए मजबूत किया जाएगा. गोयल ने कहा कि नेताओं ने जी-20 शिखर सम्मेलन में 'रोम घोषणापत्र' को अंगीकार किया और बयान स्वास्थ्य खंड के तहत सहमति जताई गई कि कोविड-19 टीकाकरण दुनिया के लिए फायदेमंद है.
डब्ल्यूएचओ को मजबूत किया जाएगा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह निर्णय लिया गया कि डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा सुरक्षित और प्रभावी समझे जाने वाले कोविड-19 रोधी टीकों की मान्यता को देशों के राष्ट्रीय और गोपनीयता कानूनों के अधीन पारस्परिक रूप से स्वीकार किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई वैक्सीन अप्रूवल और इमरजेंसी यूज के लिए डब्ल्यूएचओ की प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाने में मदद करेगा और डब्ल्यूएचओ को मजबूत किया जाएगा ताकि वह टीकों की पहचान तेजी से कर सके.'
कोवैक्सीन का होगा 'रिस्क बेनिफिट असेसमेंट'
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को जी-20 के नेताओं से कहा था कि भारत अगले साल के अंत तक कोविड-19 रोधी टीके की पांच अरब से ज्यादा खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है ताकि दुनिया को महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सके. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का एक तकनीकी सलाहकार समूह तीन नवंबर को कोवैक्सीन की आपातकालीन उपयोग सूची के लिए अंतिम 'रिस्क बेनिफिट असेसमेंट' करने के लिए बैठक करेगा. भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविशील्ड, भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं.
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि टिकाऊ जीवन शैली का प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र टिकाऊ खपत और जिम्मेदार उत्पादन पैटर्न पर जी-20 घोषणापत्र में परिलक्षित होता है. गोयल ने कहा कि छोटे, सीमांत किसानों की आजीविका रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की चर्चा के फोकस वाले क्षेत्रों में से थी.
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