भारत: युद्ध प्रभावित यूक्रेन को भेजी मेडिकल और मानवीय सहायता
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध भयावह होता जा रहा है। रूसी सेना यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर हमले कर रही है। इससे यूक्रेन में हालात बेहद खराब हो रहे हैं। इसी बीच भारत ने वहां से अपने नागरिकों को निकालने के प्रयासों के बीच यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी है। इसके तहत मंगलवार को जहां पोलैंड के रास्ते दो टन मेडिकल दवाइयां भेजी गई थी, वहीं बुधवार को टेंट, कंबल, सर्जिकल दस्ताने आदि भेजे गए हैं। भारत ने सोमवार को किया था सहायता भेजने का ऐलान बता दें कि भारत सरकार ने पिछले सोमवार को ही युद्ध प्रभावित यूक्रेन को मेडिकल सहित मानवीय सहायता भेजने का ऐलान किया था। उस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यूक्रेन में बिगड़ते हालातों को देखते हुए सरकार ने उसकी मदद का निर्णय किया है। जल्द ही वहां दवाइयों और अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणों के साथ मानवीय सहायता भेजी जाएगी। इसके बाद सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी।
सरकार ने इस तरह से भेजी है सहायता : हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सरकार ने सोमवार को पोलैंड के रास्ते विशेष विमान के जरिए यूक्रेन को दो टन मेडिकल दवाइयां भेजी थी। इसमें मुख्य रूप से एजिथ्रोमाइसिन, डेक्सामेथासोन, हेपरिन सोडियन इंजेक्शन, ओंडेनस्ट्रोन, डेप्टोमाइसिन जैसी आवश्यक दवाइयां शामिल थीं। इसी तरह सरकार ने बुधवार को दो विमानों से पोलैंड के रास्ते मानवीय सहायता भेजी है। इनमें 514 पैकेटों में बंद कंबल, टेंट, स्लीपिंग मैट, सोलर लैंप, किट जैसी राहत सामग्री शामिल है।
गुरुवार को भी भेजी जाएगी राहत सामग्री: विदेश मंत्रालय के अनुसार, सरकार की ओर से गुरुवार को भी यूक्रेन को रोमानिया के रास्ते राहत सामग्री भेजी जाएगी। इनमें भी टेंट, कंबल, सर्जिकल दस्ताने, सुरक्षात्मक आई गियर, पानी के भंडारण टैंक, तिरपाल और दवाइयां शामिल रहेगी। आवश्यकता पड़ने पर और आपूर्ति भेजी जाएगी।
भारतीयों की निकासी के तहत सरकार ने उठाया कदम: विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने में जुटी है। ऐसे में उन्हें लाने वाले विमानों के खाली जाने को देखते हुए सरकार ने मानवीय आधार पर मदद भेजने का फैसला किया है। राहत सामग्री को पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के C-17 विमानों को तैनात किया है। राहत सामग्री के खाली होने पर भारतीय छात्रों को इन्हीं विमानों से भारत वापस लाया जा सकेगा।
पिछले 24 घंटे में हुई 1,377 छात्रों की वापसी: बता दें कि ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों की वापसी हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 1,377 छात्रों को वापस लाया गया है। इसके अलावा वहां फंसे अन्य छात्रों को यूक्रेन से निकालकर पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया लाया जा रहा है। इन देशों के रास्ते ही सभी छात्रों को वापस भारत लाया जा रहा है। इधर, यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों को तत्काल राजधानी कीव छोड़ने को कहा है।
सभी भारतीयों ने छोड़ दिया है कीव- विदेश सचिव: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अब तक सभी भारतीयों ने राजधानी कीव को छोड़ दिया है। वर्तमान में वहां कोई भी भारतीय नहीं बचा है और न ही किसी ने उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को वापस लाने के लिए बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा अगले तीन दिन में 26 उड़ान शेड्यूल की गई हैं। जल्द ही सभी नागरिकों को बाहर निकाला जाएगा और मृतक छात्र नवीन शेखरप्पा का शव भी वापस लाया जाएगा।
यूक्रेन और रूस के राजदूतों से की है बात- विदेश सचिव
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा, "मैंने यूक्रेन और रूस के राजदूत से बात की है और उनसे तत्काल भारतीय छात्रों को बाहर निकलवाने में मदद के लिए कहा है। हम खारकीव से सटे यूक्रेन-रूस बॉर्डर से भी भारतीयों को निकालने के विकल्प देख रहे हैं।"
वर्तमान में क्या है यूक्रेन में हालात? : रूस की सेना बड़ी तेजी से यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है। हालांकि, उसे यूक्रेनी सैनिकों से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। इधर, रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया है कि रूस के सैन्य बलों ने खेरसन के स्थानीय केंद्र को पूर्ण नियंत्रण में ले लिया है। बता दें कि यह यूक्रेन का बड़ा शहर माना जाता है और रूस का कब्जा उसकी स्थिति को मजबूत करेगा।