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संयुक्त राष्ट्र चार्टर, क्षेत्रीय अखंडता और देशों की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए. भारत इस आग्रह का मजबूती से समर्थन करता है.'
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को 2 महीने से ज्यादा होने जा रहे हैं. इसी बीच भारत ने एक बार फिर इस मुद्दे पर दुनिया को अपने स्टैंड से अवगत कराया है.
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मंगलवार रात हुई बैठक में भारत ने कहा कि वह मानवीय सहायता के संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों के महत्व पर जोर देता है. साथ ही यूक्रेन में हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का फिर से आह्वान करता है.
'इन 4 बातों पर हो समस्या का समाधान'
यूक्रेन की मानवीय स्थिति पर UNSC की बैठक में बोलते हुए भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि आर रवींद्र ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा, 'मानवीय कार्रवाई हमेशा मानवीय सहायता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होनी चाहिए. यानी मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता. इन उपायों का कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.'
'कूटनीति को अपनाने की जरूरत'
आर रवींद्र ने कहा कि भारत बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित है और हिंसा व शत्रुता (Russia-Ukraine War) को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराता है. उन्होंने कहा, 'हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर चलने की जरूरत पर जोर दिया है. जब निर्दोष मानव जीवन दांव पर है, तो कूटनीति को ही एकमात्र व्यवहारिक विकल्प के रूप में अपनाया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि युद्ध प्रभावित इलाकों में स्थाई मानवीय गलियारा बनाने और आवश्यक मानवीय-चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए मार्ग की सुरक्षा की गारंटी के आग्रह का समर्थन करता है. आर रवींद्र ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उभरती मानवीय आवश्यकताओं के लिए उचित रिस्पांस देना जारी रखेगा.
'यूक्रेन को दवाएं भेज रहा है भारत'
उन्होंने कहा, 'भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय आपूर्ति भेजता रहा है, जिसमें दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री भी शामिल हैं. हम आने वाले दिनों में यूक्रेन को और अधिक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान कर रहे हैं.'
'देशों की संप्रभुता का हो सम्मान'
उन्होंने UNSC की मीटिंग में कहा, 'भारत ने यूक्रेन से लगभग 22,500 भारतीयों की सुरक्षित वापसी कराई है. इसके लिए हमने 90 उड़ानों के साथ ऑपरेशन गंगा शुरू किया. हमने यूक्रेन से निकालने में 18 अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की. इस अभियान में मदद करने के लिए हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों की सराहना करते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, क्षेत्रीय अखंडता और देशों की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए. भारत इस आग्रह का मजबूती से समर्थन करता है.'
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