विश्व
ग्लोबल साउथ और पश्चिम के बीच पुल है हिंदुस्तान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले यूएन में बदलाव जरूरी
Tara Tandi
14 July 2023 10:16 AM GMT

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। फ्रांस दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया ने ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय तक नकारा है। फ्रांसीसी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ और पश्चिमी दुनिया के बीच का एक पुल हो सकता है। पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत करते हुए कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश के रूप में भारत को अपना सही स्थान हासिल करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है।
इस कारण ग्लोबल साउथ के देशों में निराशा की भावना पैदा हो गई है…. मैं भारत को उस मजबूत कंधे की तरह देखता हूं कि अगर ग्लोबल साउथ को ऊंची छलांग लगानी हो, तो भारत इसके आगे बढऩे के लिए वह कंधा हो सकता है। तो इस प्रकार भारत एक पुल का काम कर सकता है। बता दें कि ग्लोबल साउथ टर्म का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमरीका के निम्न या मध्यम आय वाले देशों के लिए होता है। पीएम मोदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत का युवा और कुशल श्रम आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति साबित होगा। उन्होंने यूएन में भारत की स्थायी सदस्यता की बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और इसे विश्व में अपना सही स्थान हासिल करने की जरूरत है।
फ्रांस-भारत रिश्ता भरोसे पर टिका
फ्रांस के साथ भारत के संबंधों पर पीएम मोदी ने कहा कि देशों के बीच संबंध वर्तमान में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा कि रिश्ता बेहद अच्छी स्थिति में है। दोनों देशों की बीच का रिश्ता मजबूत है और यह भरोसे पर टिका है। मुश्किल दौर में भी फ्रांस और भारत का रिश्ता स्थिर रहा है। हम सहयोग के लिए अवसरों की तलाश करते रहे। फ्रांस के साथ रिश्ते को लेकर उन्होंने आगे कहा कि हमारे बीच बेजोड़ आपसी विश्वास और भरोसा है। यह रिश्ता साझा मूल्यों और विचार से बना है। हम रणनीतिक स्वतंत्रता की एक मजबूत भावना साझा करते हैं। दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

Tara Tandi
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