अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक दौर का सामना कर रहे श्रीलंका की इस संकट से निपटने में भारत बराबर मदद कर रहा है। यहां स्थित भारतीय उच्चायोग ने विकास सहयोग भागीजारी के जरिए श्रीलंका में शुरू की गईं जनता केंद्रित भारत की परियोजनाओं की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने ईद से पहले अंपारा जिले में विधवाओं और जरूरतमंद परिवारों को सूखे राशन के पैकेट वितरित किए। दूसरी ओर, मदद के तौर पर भारत का नौसेना जहाज आईएनएस घड़ियाल 760 किलोग्राम जीवनरक्षक दवाओं की खेप लेकर कोलंबो पहुंचा है।
श्रीलंका मेंस्थित भारतीय मिशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारत श्रीलंका के जरूरतमंद लोगों तक सीधे पहुंच रहा है और मानवीय सहायता के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए उनकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। बयान में कहा गया कि द्वितीय सचिव अशोक कुमार ने बुधवार को अंपारा जिले में कलमुनाई की विधवाओं और अन्य जरूरतमंद परिवारों को सूखे राशन के पैकेट वितरित किए थे। इस विशेष अभियान को अंजाम देने के लिए 'यंग वूमेन्स मुस्लिम एसोसिएशन' ने भारतीय मिशन के साथ भागीदारी की थी।
इससे पहले 17 अप्रैल को स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर के निदेशक डॉ. रेवांत विक्रम सिंह ने वेलिगंपिटिया में सेंट एन चर्च में सूखे राशन का वितरण किया था। इसके अलावा कुरुनेगला जिले में बिनिगिरिया के छह गांवों में भी ऐसा ही अभियान चलाया जा चुका है। इस विशेष मानवीय अभियान की शुरुआत उच्चायुक्त गोपाल बागले ने जाफना में 13 मार्च को की थी। उद्घाटन के अवसर पर 600 मछुआरों और उनके परिवारों को भोजन और अन्य जरूरी सामग्रियां उपलब्ध कराई गई थीं। इस अभियान के जरिए लोगों तक सीधे मदद पहुंचाई जा रही है।
760 किलो दवाएं लेकर कोलंबो पहुंचा आईएनएस घड़ियाल
भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस घड़ियाल 760 किलोग्राम जीवनरक्षक दवाओं की खेप लेकर शुक्रवार को कोलंबो पहुंचा। इसे लेकर नौसेना की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मौजूदा संकट के दौरान श्रीलंका को अहम चिकित्सीय सहायता मुहैया कराने के व्यापक उद्देश्य के साथ आईएनएस घड़ियाल मिशन सागर-नौ के तहत 29 अप्रैल को कोलंबो पहुंचा और उसने 760 किलोग्राम से अधिक 107 तरह की महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दवाएं दीं। कर्ज के बोझ तले दबा श्रीलंका इस समय अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
भारतीय उच्चायुक्त से मिले सत्तारूढ़ पार्टी के असंतुष्ट
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के नेतृत्व वाली 'श्रीलंका फ्रीडम पीपुल्स पार्टी' (एसएलएफपी) के सदस्यों ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से मुलाकात की। उन्होंने बागले को देश में मौजूदा सियासी गतिरोध तथा सबसे खराब आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए अपनी एक अंतरिम सरकारी व्यवस्था की योजना के बारे में जानकारी दी।
एसएलएफपी के ये सदस्य श्रीलंका में सत्तारूढ़ 'श्रीलंका पीपुल्स पार्टी' (एसएलपीपी) में शामिल हैं, लेकिन इन्होंने अभी बगावती रुख अपना रखा है। श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। बागले से मुलाकात के बाद एसएलएफपी के महासचिव दयासिरी जयशेखर ने कहा, यह सत्ता के बंटवारे की नहीं बल्कि देश को आर्थिक संकट से उबारने की व्यवस्था है। सांसदों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति अपने भाई को पीएम पद से हटाने के लिए राजी : सांसद
श्रीलंका के राष्ट्रपति देश में दशकों के सबसे बड़े आर्थिक संकट के चलते पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध का हल निकालने के लिए प्रस्तावित अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री के तौर पर अपने भाई की जगह किसी अन्य नेता को नियुक्त करने को राजी हो गए हैं।
सांसद मैत्रीपाला सिरीसेना ने राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद कहा कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे इस बात से सहमत हुए हैं कि एक नए पीएम के नाम से एक राष्ट्रीय परिषद नियुक्त की जाएगी और मंत्रिमंडल में सभी राजनीतिक दलों के सांसद शामिल होंगे। सिरीसेना, राजपक्षे से पहले राष्ट्रपति थे।