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द्विपक्षीय संबंधों के लिए उचित वातावरण बनाने की जिम्मेदारी भारत की: इमरान खान

Gulabi
27 Feb 2021 1:00 PM GMT
द्विपक्षीय संबंधों के लिए उचित वातावरण बनाने की जिम्मेदारी भारत की: इमरान खान
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पुरानी कहावत है कि उल्‍टे चोर कोतवाल को डांटे

पुरानी कहावत है कि उल्‍टे चोर कोतवाल को डांटे... यह पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर बिल्‍कुल फिट नजर आती है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने शनिवार को भारत-पाक के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते का स्‍वागत किया लेकिन यह भी कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सक्षम वातावरण बनाने की जिम्मेदारी नई दिल्‍ली की है। ऐसे में जब भारत पहले ही साफ कर चुका है कि संबंधों को सामान्‍य बनाने के लिए पाकिस्‍तान को आतंकियों का समर्थन बंद करना होगा इमरान खान की यह बात गैरवाजिब लगती है...


बालाकोट में भारतीय वायुसेना की जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की हवाई घुसपैठक की नाकाम कोशिश की दूसरी वर्षगांठ पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्‍होंने कहा कि वह एलओसी पर भारत-पाक के बीच हुए संघर्ष विराम का स्‍वागत करते हैं। संबंधों की बहाली के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने की जिम्‍मेदारी भारत की है। इस दौरान उन्‍होंने कश्‍मीर का राग भी अलापा। यही नहीं उन्‍होंने हवाई घुसपैठ में नाकाम रही अपनी एयर फोर्स को भी बधाई दी।
उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा यानी एलओसी समेत सीमा के दूसरे सेक्टरों पर लंबे समय से जारी संघर्ष विराम उल्लंघन को रोकने पर सहमत हुए हैं। अरसे बाद दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) की आपसी वार्ता में सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन रोकने पर यह सहमति बनी है। इसके मद्देनजर दोनों देशों ने गुरुवार को संयुक्त बयान जारी कर संघर्ष विराम समझौतों का कड़ाई से पालन करने की बात कही। यह सहमति 24 से 25 फरवरी की मध्यरात्रि से लागू हो गई है।
वहीं जानकारों का मानना है कि भले ही भारत पाक के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति अभी अभी दूर की कौड़ी है। संबंधों को सामान्‍य बनाने की राह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगी कि कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान क्या रवैया अपनाता है। कश्‍मीर मसले पर इमरान के बयान से पाकिस्‍तान के इरादों का तो पता चल गया है... अब देखना यह है कि आतंकवाद के मसले पर वह क्‍या रुख अख्तियार करता है। सनद रहे आतंकवाद को लेकर एफएटीएम ने भी उसे कई हिदायतें दी हैं।


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