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प्रमुख हितधारकों को लाभ मिलेगा उनमें मछुआरे, किसान, खाद्य सुरक्षा, बहुपक्षवाद और कारोबार शामिल हैं.
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्यों के बीच दो दिन तक चले गहन विचार-विमर्श के बाद कोविड संबंधी प्रतिक्रिया और मत्स्यपालन सब्सिडी (Fisheries Subsidy Policy) को लेकर घोषणाएं होने की उम्मीद है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. समझौते में भारत के कुछ मुद्दों को शामिल किया गया है.
भारत को मिली सौ फीसदी कामयाबी: पीयूष गोयल
I think India has received 100% success. There is not one issue for which we need to return to India with any kind of worry: Union Minister Piyush Goyal after WTO's 12th Ministerial Conference, in Geneva pic.twitter.com/GFGqKrosK2
— ANI (@ANI) June 17, 2022
डब्ल्यूटीओ के सदस्य नौ साल के अंतराल के बाद मत्स्यपालन सब्सिडी समझौते पर एकमत हुए हैं. 12 जून से शुरू हुई और चार दिन तक चली बातचीत का समापन शुक्रवार को हुआ. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की दमदार उपस्थिति के चलते विकसित देशों की मौजूदगी में देश को सौ फीसदी कामयाबी मिली है.
सूत्रों ने बताया, 'सभी समझौतों पर पूर्ण सहमति बनी है और इन पर आम-सहमति से हस्ताक्षर हुए हैं. अस्थायी पेटेंट छूट पर भी निर्णय जल्द हो सकता है, इस पर अमेरिका की मंजूरी का इंतजार है.' इन सभी मुद्दों पर औपचारिक घोषणा जल्द ही की जा सकती है.
इन मुद्दों पर रहा फोकस
एक सूत्र ने बताया कि ऐसा पहली बार है जब आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना, गहरे समुद्र में मछली पकड़ना, अवैध, गैर-सूचित और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने के विषय पर प्रस्तावित समझौते लाए जा रहे हैं.
सूत्र ने कहा कि डब्ल्यूटीओ की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में जो 'ऐतिहासिक निर्णय' लिए गए हैं उनसे जिन प्रमुख हितधारकों को लाभ मिलेगा उनमें मछुआरे, किसान, खाद्य सुरक्षा, बहुपक्षवाद और कारोबार शामिल हैं.
Neha Dani
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