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रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने रखा अपना पक्ष, शांति के साथ वार्ता का दिया सुझाव

Nilmani Pal
12 Oct 2022 1:27 AM GMT
रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने रखा अपना पक्ष, शांति के साथ वार्ता का दिया सुझाव
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रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा अपना पक्ष साफ रखा है. दोनों ही देशों को भारत ने हमेशा शांति के साथ वार्ता का सुझाव दिया है. लेकिन हाल ही में रूस की ओर यूक्रेन पर किए गए मिसाइल अटैक को लेकर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यूक्रेन पर रूसी मिसाइल अटैक को लेकर कहा कि दुनिया के किसी भी कोने में इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाना और आम नागरिकों की मौत का कारण बनाना स्वीकार करने लायक नहीं है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस संघर्ष से किसी का भी भला नहीं हो रहा है. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि यह संघर्ष दुनिया के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि इसकी वजह से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर बहुत ही गलत तरह से असर पड़ रहा है. विदेश मंत्री ने एक बार फिर कहा कि रूस और यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और वार्ता के रास्ते पर लौटना होगा.

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बयान ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया. यूक्रेन पर रूस के जिस हमले के बाद जयशंकर का यह बयान आया है, उस हमले ने पूरी दुनिया को अचानक हिला दिया. खास बात है कि इससे पहले अभी तक रूस की ओर से यूक्रेन पर इतना घातक हमला नहीं किया गया था. लेकिन सोमवार को अचानक रूस की ओर से यूक्रेन पर भारी संख्या में मिसाइल अटैक कर दिया गया, जिससे यूक्रेन में 11 लोगों की मौत हो गई और काफी संख्या में लोग घायल भी हो गए. इसके साथ ही मिसाइलों के लगातार अटैक से यूक्रेन के कई बड़े शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर को भी काफी पहुंचा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों पर भी बातचीत की. विदेश मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद वे ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार के छठे मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि भारत के मंत्रियों का लगातार ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना दोनों देशों के रिश्ते को गंभीरता को दर्शाता है. दो दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की सेना के साथ भी कुछ समय बिताया. मंगलवार को ही एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा और सुरक्षा सहयोग ने स्वतंत्र और मुक्त इंडो-पेसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने में अहम योगदान दिया है.

सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ भारतीय विदेश मंत्री ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों को लेकर काफी जरूरी चर्चा हुई है. वहीं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री वोंग ने कहा कि इंडो-पेसिफिक क्षेत्र को नया अकार देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी काफी अहम है. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पैनी वोंग के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस पर भारत की हथियारों को लेकर निर्भरता पर भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया. दरअसल, अमेरिका यह कहता आया है कि हथियारों को लेकर भारत काफी हद तक रूस पर निर्भर है, ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई दशकों तक पश्चिमी देशों ने भारत को हथियारों की सप्लाई नहीं की.

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि सच तो यह है कि उस समय सैन्य तानाशाही वाला हमारा पड़ोसी पाकिस्तान उनका पसंदीदा साथी था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि लंबे समय से रूस और भारत के संबंध रहे हैं, जिनसे दोनों देशों को लाभ भी हुआ है.


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