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भारत ने पड़ोसी धर्म निभाया

Sonam
19 July 2023 11:21 AM GMT
भारत ने पड़ोसी धर्म निभाया
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आर्थिक हालत खस्ता होने के बाद श्रीलंका कुछ हद तक अब संभलने लगा है. हिंदुस्तान ने श्रीलंका के बुरे समय में आर्थिक सहायता देकर एक पड़ोसी धर्म को निभाया. श्रीलंका ने हाल ही में हिंदुस्तान को अपना सच्चा साथी कहकर चीन को इशारों ही इशारों में यह बता दिया कि श्रीलंका के लिए हिंदुस्तान सबसे अहम है. दोनों राष्ट्रों के ऐसे ही रिश्तों के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 20 जुलाई को हिंदुस्तान की यात्रा पर आ रहे हैं. दोनों राष्ट्रों के संबंधों का इतिहास भी आजादी के समय का है. दोनों राष्ट्रों के राजनयिक रिश्तों के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस रिश्तों के इतिहास को अब सुदृढ़ भविष्य में और आगे ले जाने के लिए रानिल विक्रमसिंघे दो दिन की यात्रा पर हिंदुस्तान आ रहे हैं. इस बात की घोषणा विदेश मंत्रालय ने की.

मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे पीएम नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 20 से 21 जुलाई तक हिंदुस्तान की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह यात्रा तब हो रही है जब दोनों राष्ट्र इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और आपसी भलाई के कई मुद्दों पर पीएम मोदी और अन्य भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

विक्रमसिंघे ने हमेशा अच्छे संबंधों पर दिया जोर

मंत्रालय ने कहा, ‘यह यात्रा दोनों राष्ट्रों के बीच लंबे समय से जारी द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी और मजबूत करेगी.’ विक्रमसिंघे ने हिंदुस्तान के साथ अच्छे संबंधों पर जोर दिया है और इसे अपनी विदेश नीति का प्रमुख मामला बनाया है. नयी दिल्ली में जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय ने बोला कि हिंदुस्तान की ‘पहले पड़ोसी’ और ‘सागर दृष्टिकोण’ में श्रीलंका एक जरूरी साझेदार है. बयान में बोला गया है, ‘यह यात्रा दोनों राष्ट्रों की दीर्घकालिक मित्रता की पुष्टि करेगी और सम्पर्क बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में आपसी फायदा आधारित योगदान को विस्तार देने के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी.’

सुधर रही श्रीलंका की अर्थव्यवस्था

विक्रमसिंघे की यह यात्रा ऐसे समय में हो होगी, जब श्रीलंका की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. श्रीलंका ने पिछले वर्ष अप्रैल के मध्य में पहली बार ऋण अदा न कर पाने की घोषणा की थी. इस वर्ष मार्च में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने उसे 2.9 अरब अमेरिकी $ का राहत पैकेज दिया था.

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