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UNSC में भारत ने तालिबानी फरमान पर गहरी चिंता जताई, 'चेहरा ढकने संबंधी आदेशों' को वापस लेने का किया आह्वान

Renuka Sahu
25 May 2022 12:59 AM GMT
India expresses deep concern over Taliban decree at UNSC, calls for withdrawal of face covering orders
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afganistan) में तालिबानी (Taliban) शासन के बाद महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.उनके अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है. अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) ने भी चिंता जताई है. यूएनएससी ने कहा कि अफगानी महिलाओं को चेहरा ढकने संबंधी तालिबानी आदेशों को लेकर गहरी चिंता है. वहीं भारत ने भी तालिबान के इस आदेश पर चिंता जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि तालिबान के इस नीतियों को वापस लेने का आह्वान किया.

भारत ने UNSC में कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है. इसलिए तालिबान के इस फरमान का विरोध किया जाना चाहिए. इसके अलावा भारत ने अस्थिर सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद पर भी गहरी चिंता व्यक्त की. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. इस विज्ञप्ति में सारी बातों का जिक्र किया गया है. विज्ञप्ति में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के हनन से लेकर अफगानिस्तान में मौजूदा आर्थिक स्थिति को भी उजागर किया गया है.
महिला टीवी एंकर्स के लिए तालिबानी फरमान, चेहरा ढकने संबंधी आदेश लागू

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने रविवार को उस आदेश को लागू करना शुरू कर दिया जिसके तहत देश की सभी महिला टीवी समाचार प्रस्तोताओं को प्रसारण के दौरान अपना चेहरा ढकना आवश्यक कर दिया गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस आदेश की निंदा की है. गुरुवार को आदेश की घोषणा के बाद, केवल कुछ मीडिया संस्थानों ने आदेश का पालन किया था. लेकिन रविवार को तालिबान के शासकों द्वारा आदेश को लागू किए जाने के बाद ज्यादातर महिला प्रस्तोताओं को अपने चेहरे ढके हुए देखा गया. गौरतलब है कि 1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के दौरान महिलाओं पर बुर्का पहनने समेत कई प्रतिबंध लगाये गये थे. उस वक्त, लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था.
अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ रहे हालात
इसी महीने बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र में आयरलैंड की राजदूत गेराल्डिन बायरन नैसन ने संवाददाताओं से कहा था कि अफगानिस्तान में महिलाएं और लड़कियां अब सबसे कठोर प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं. उन्होंने कहा कि तालिबान की नीतियों की निंदा करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं सुरक्षा परिषद की नैतिक जिम्मेदारी है. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान की स्थिति दिनों दिन और खराब होती चली गई. विदेशी सहायता में गिरावट आने लगी. देश में कई तरह की पाबंदियां लग गई. इसके कारण माहिलाओं, लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा आदि को लेकर कई बाधाएं उत्पन्न हो गईं. इनमें आवाजाही एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करना और आय संबंधी कुछ पाबंदियां भी शामिल हैं.
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