विश्व

भारत वर्तमान में लगभग 140 स्टार्टअप का घर है

Sonam
5 July 2023 6:43 AM GMT
भारत वर्तमान में लगभग 140 स्टार्टअप का घर है
x

अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवायटी) ने इण्डिया के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सराहना की. एनवायटी ने इस बारें में कहा है कि इण्डिया वर्तमान में लगभग 140 स्टार्टअप का घर बन चुका है हिंदुस्तान जल्द ही चीन को भिड़न्त दे सकता है.

साइकिल पर रखकर ले गए थे रॉकेट: एनवायटी ने अपनी बात में आगे बोला है कि इण्डिया ने जब 1963 में पहली बार अपना रॉकेट लॉन्च कर दिया था, तब हिंदुस्तान दुनिया का सबसे पिछड़ा और गरीब देश माना जाता था. रॉकेट को साइकिल पर रखकर लॉन्च पैड तक ले जाया गया था. लेकिन आज इण्डिया ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों में बहुत ही अधिक मजबूती हासिल की. अखबार ने द सरप्राइजिंग स्ट्राइवर इन द वर्ल्ड्स स्पेस बिजनेस नाम से प्रकाशित लेख में कहा है कि हिंदुस्तान कम से कम 140 दर्ज़ अंतरिक्ष तकनीकी स्टार्टअप का घर बन गया है.

रूस का अंतरिक्ष कार्यक्रम ठप: एनवायटी ने इण्डिया को अंतरिक्ष शक्ति के रूप में संबोधित करते हुए कहा है कि पीएम मोदी और बाइडन की मुलाकात में अंतरिक्ष के सभी इलाकों में पहुंचने के लिए योगदान देने पर भी चर्चा हुई थी. अमेरिका का इस बारें में बोलना है कि अंतरिक्ष कार्यक्रमों में इण्डिया जल्द ही चीन को भिड़न्त दे सकता है. रूस और चीन ने कम लागत में रॉकेट लॉन्च करने का ऑफर पेश भी कर दिया था. लेकिन यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस का अंतरिक्ष कार्यक्रम ठप पड़ गया. इससे ब्रिटेन के वनवेब को भी 230 मिलियन अमेरिकी $ की नुकसान हुई. इसके बाद वनवेब इसरो के पास भेज दिया गया.

नए निवेश से 120 मिलियन अमेरिकी $ जुटाए: बता दें कि एनवायटी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए सभी प्रकार के निजी उद्यमों को खोलने का घोषणा कर दिया. इण्डिया ने बीते साल अंतरिक्ष स्टार्टअप ने नए निवेश में 120 मिलियन अमेरिकी $ भी जुटा लिए थे. रिपोर्ट में हैदराबाद स्थित स्काई रूट और ध्रुव स्पेस के बारें में भी बात की. एनवायटी ने इस बारें में आगे बोला है कि दोनों कंपनियां सुन्दर काम कर रहे हैं. दोनों कंपनियां मिलकर हिंदुस्तान के आठ फीसदी अंतरिक्ष व्यवसाय में सहयोग दे रही है.

स्पेसएक्स के साथ स्काई रूट की तुलना: बता दें कि स्काई रूट एयरोस्पेस के सह-संस्थापक और CEO पवन कुमार चंदना ने इस बारें में कहा है कि हम एक कैब की तरह हैं, जो छोटे पेलोड के लिए लिए अधिक मूल्य लेते हैं. जबकि, एलन मस्क की स्पेस एक्स एक ट्रेन या बस के रूप में कार्य करती है. वे अपने सभी यात्रियों को बिठाते हैं और गंतव्य पर लेकर जाते हैं.

Next Story