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भारत ने काबुल में गुरुद्वारे पर हमले की निंदा की, धार्मिक भय पर दोहरे मापदंड पर कही यह बात
Kajal Dubey
18 Jun 2022 5:10 PM GMT

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संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रिलिजियोफोबिया पर दोहरा मापदंड अपनाने से बचने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि धार्मिक भय पर 'दोहरे मानदंडट नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये मापदंड गैर अब्राहम धर्मों के खिलाफ समान रूप से लागू होने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद, खासकर सीमा पार आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार रहा है। उन्होंने विभिन्न देशों से एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करने का आह्वान किया जो बहुलवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देकर आतंकवाद का मुकाबला करने में सही मायने में योगदान दें।
भारत ने न केवल इब्राहीम धर्मों के खिलाफ बल्कि सिख धर्म, बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म सहित सभी धर्मों के खिलाफ नफरत और हिंसा का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा ठोस प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न प्लेटफार्मों का आह्वान किया है। इससे पहले ही संयुक्त राष्ट्र में कई मौकों पर त्रिमूर्ति ने कहा है कि धार्मिक भय के समकालीन रूपों को गुरुद्वारों, मठों और मंदिरों जैसे धार्मिक स्थलों पर हमलों में वृद्धि या गैर-अब्राहमिक धर्मों के खिलाफ घृणा और दुष्प्रचार के प्रसार में देखा जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि धार्मिक भय के समकालीन रूपों का उदय, विशेष रूप से हिंदू विरोधी, बौद्ध विरोधी और सिख विरोधी भय गंभीर चिंता का विषय है और इस खतरे को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और सभी सदस्य राज्यों के ध्यान की आवश्यकता है। तभी हम इस तरह के विषयों पर अपनी चर्चा में अधिक संतुलन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की अंतर्निहित ताकत है जिसने समय के साथ कट्टरपंथ और आतंकवाद का सामना किया है।
शनिवार को काबुल के बाग-ए-बाला इलाके में गुरुद्वारा करता परवन में हुए विस्फोटों में एक सिख सहित दो लोग मारे गए और सात अन्य घायल हो गए। काबुल के बाग-ए-बाला इलाके में गुरुद्वारा करता परवन में हुए विस्फोट की विदेश मंत्री एस जयशंकर ने निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गुरुद्वारा करता परवन पर हुए कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।
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