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खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके ही मजबूत हो सकती है, जो इन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा है कि इस्लामिक स्टेट सिर्फ एक क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक वैश्विक गिरोह है और इससे संबद्ध संगठन दुनिया भर में सक्रिय हैं। यूएन में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि-राजनीतिक समन्वयक आर. रविंदर ने कहा, आतंकी कृत्यों की जवाबदेही तय करने और आंतकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जरूरी हो गया है।
दाएश/आईएसआईएल (यूएनआईटीएडी) के अपराधों की जवाबदेही तय करने के लिए बने जांच दल पर आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, इराक में आईएस ने लोगों पर अमानवीय अत्याचार किए हैं, जिनका 39 भारतीय नागरिक भी शिकार हुए हैं। रविंदर ने कहा कि आईएस ने इराक और सीरिया में अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में नरसंहार, अत्याचार, दुष्कर्म, गुलामी कराने और अपहरण जैसे कृत्यों को अंजाम दिया है।
ऐसे में आईएस को सिर्फ एक क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन के रूप में नहीं देखा जा सकता है। यह एक वैश्विक गिरोह है, जिसके हमारे पड़ोस सहित दुनिया भर में संबद्ध आतंकवादी संगठन हैं।
आतंकियों को सहयोग देने वाले देशों पर कार्रवाई जरूरी
संयुक्त राष्ट्र में रविंदर ने जोर दिया कि भारत का यह मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई की विश्वसनीयता केवल आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिए भयावह एवं अमानवीय कृत्यों की जवाबदेही तय करके और उन देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके ही मजबूत हो सकती है, जो इन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।
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