भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि कुछ आतंकी गुटों ने मानवीय कार्यों के लिए दी जाने वाली छूट का पूरा लाभ उठाकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था का 'मजाक' बनाया है। भारत ने कहा, पड़ोस में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों ने खुद को प्रतिबंधों से बचाने के लिए मानवीय संगठनों के रूप में स्वयं को पेश किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि प्रतिबंध वैध मानवीय जरूरतों को बाधित न करें। बहरहाल, यह आवश्यक है कि मानवीय आधार पर छूट मुहैया कराते समय खासकर आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने वाले स्थानों के संदर्भ में पूरी सावधानी बरती जाए।'
परिषद के अध्यक्ष रूस की मेजबानी में 'प्रतिबंध संबंधी सामान्य मामले, उनके मानवीय और अनपेक्षित परिणामों को रोकना' विषय पर आयोजित सुरक्षा परिषद की खुली बहस में तिरुमूर्ति ने कहा, इस बात के उदाहरण हैं कि आतंकी संगठन मानवीय आधार पर छूट का पूरा लाभ उठाते हुए प्रतिबंध व्यवस्थाओं का मजाक बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें हमारे पड़ोस में आतंकी समूह इन प्रतिबंधों से बचने के लिए मानवीय संगठनों के रूप में अपनी छवि दोबारा बना रहे हैं, इसलिए पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।