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नई दिल्ली : मालदीव के साथ पिछले कुछ समय से रिश्तों में खटास के बावजूद भारत ने शुक्रवार को सद्भावना के संकेत के रूप में पड़ोसी देश को चीनी, गेहूं, चावल, प्याज और अंडे सहित आवश्यक वस्तुओं के सीमित निर्यात की अनुमति दे दी।
मालदीव की नई सरकार के चीन की ओर झुकाव के बीच भारत ने घरेलू मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए इन खाद्य उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। हालाँकि, इसने मित्र देशों की सख्त जरूरत में मदद के लिए इन वस्तुओं के सीमित निर्यात के लिए एक खिड़की खुली रखी है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना में मालदीव को 1,24,218 टन चावल; 1,09,162 टन गेहूं का आटा; 64,494 टन चीनी; 21,513 टन आलू; 35,749 टन प्याज और 42.75 करोड़ अंडे के निर्यात का प्रावधान है।
इसके अलावा, भारत ने निर्माण सामग्री के रूप में उपयोग किए जाने वाले पत्थर और नदी की रेत के 10-10 लाख टन के निर्यात की भी अनुमति दी है।
अधिसूचना में कहा गया है कि मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को 2024-25 के दौरान किसी भी मौजूदा या भविष्य के प्रतिबंध या निषेध से छूट दी जाएगी।
मालदीव, जिसके वर्षों से भारत के साथ घनिष्ठ राजनयिक संबंध रहे हैं, अक्टूबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत से दूरी बनाने और चीन के करीब जाने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, मुइज्ज़ू सरकार ने हाल ही में भारत से ऋण पुनर्भुगतान पर रियायतें मांगने की भी कोशिश की है, जो अपने बड़े पड़ोसी पर उसकी निर्भरता को दर्शाता है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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