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कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन द्वारा मान्यता नहीं देने व भारत से ब्रिटेन जाने वालों को 10 दिन की क्वारंटीन की अनिवार्यता से दोनों देशों के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म हो गया है।
कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन द्वारा मान्यता नहीं देने व भारत से ब्रिटेन जाने वालों को 10 दिन की क्वारंटीन की अनिवार्यता से दोनों देशों के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म हो गया है। ब्रिटेन ने गुरुवार को क्वारंटीन की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब भारत भी ब्रिटिश नागरिकों पर लगाई ऐसी पाबंदी खत्म करेगा। ब्रिटेन की तरह ही हंगरी व सर्बिया ने भी भारत के साथ कोरोना टीकों को परस्पर मान्यता पर सहमति दे दी है।
शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस से बातचीत की। भारत के जवाबी कदम को देखते हुए ब्रिटेन ने गुरुवार को एलान किया था कि 11 अक्तूबर के बाद से कोविशील्ड या उसकी तरफ से मंजूर दूसरी वैक्सीन की सभी डोज लगवाने वाले भारतीयों को ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में नहीं रहना होगा। जयशंकर और लिज ट्रस के बीच दोनों देशों के नागरिकों के यात्रा संबंधी मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई। इसमें नागरिकों की आवाजाही को सुगम बनाने पर सहमति बनी। ब्रिटिश विदेश मंत्री से बातचीत के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कर कहा, 'ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस से बातचीत कर अच्छा लगा। दोनों देशों के बीच यात्रा को सुगम बनाने पर सहमति बनी। इससे रोडमैप 2030 को लागू करने में मदद मिलेगी।'
पीएम मोदी व जॉनसन के बीच बनी थी रोडमैप 2030 पर सहमति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के बीच मई में हुई वर्चुअल शिखर बैठक में रोडमैप 2030 को अपनाया गया था। इसका मकसद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलना और अगले दशक में व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, रक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ाना है।
सूत्रों के अनुसार भारत भी अब ब्रिटेन से आने वाले लोगों के लिए यात्रा नियमों में बदलाव करेगा। ब्रिटेन द्वारा भारतीयों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस सबंध में नए दिशानिर्देश जारी करेगा, जिसमें ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य कोरोना जांच और क्वारंटीन नियमों को निरस्त कर दिया जाएगा।
भारत व हंगरी के बीच भी वैक्सीन मान्यता पर सहमति
इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत व हंगरी ने दोनों देशों के कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने का फैसला कर लिया है। बागची ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
सर्बिया ने भी दी मान्यता
बागची ने बताया कि हंगरी की तरह ही सर्बिया के साथ ही कोविड-19 वैक्सीन को परस्पर मान्यता देने पर सहमति हो गई है। सर्बिया भारत की वैक्सीन को मान्यता देगा तो भारत सर्बिया की। यानी दोनों देशों के नागरिक अपने देशों के मान्य टीकों की पूरी खुराक लेने के बाद एक-दूसरे देश में आ-जा सकेंगे।
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