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भारत और अमेरिका ने तालिबान से अफगानिस्तान को लेकर की अपील, आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने अफगान

Neha Dani
29 Oct 2021 2:10 AM GMT
भारत और अमेरिका ने तालिबान से अफगानिस्तान को लेकर की अपील, आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने अफगान
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अमेरिकी विदेश विभाग के कार्यवाहक समन्वयक जॉन टी. गाडफ्रे ने अपने-अपने अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।

भारत और अमेरिका ने तालिबान से अफगानिस्तान को लेकर अपील की है। दोनों देशों ने तालिबान से यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर न किया जाए। आतंकवाद के खिलाफ 26 और 27 अक्टूबर को भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त वार्ता आयोजित की गई थी।

दोनों देशों ने सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकी समूह अलकायदा (al-Qaida), ISIS/Daesh, लश्कर ए तैयबा (LeT) और जैश ए मोहम्मद (JeM) भी शामिल हैं। UNSC रिजालूशन 2593 (2021) का हवाला देते हुए दोनों पक्षों ने तालिबान से यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि किसी और देश को डराने, धमकाने के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल न हो।इसके अलावा दोनों पक्षों ने अपने सभी रूपों में आतंकवादी परदे के पीछे और सीमा पार आतंकवाद के किसी भी उपयोग की कड़ी निंदा की और 26/11 के मुंबई हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने का आह्वान किया।
भारत और अमेरिका ने यूएस-इंडिया कांप्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के तहत कानून प्रवर्तन, सूचना साझाकरण, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान, और आतंकवाद विरोधी चुनौतियों पर रणनीतिक तालमेल बढ़ाने का संकल्प लिया। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, यूएस-इंडिया काउंटर-टेररिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की अठारहवीं बैठक और यूएस-इंडिया डेजिग्नेशन डायलाग का चौथा सत्र 26-27 अक्टूबर को वाशिंगटन में आयोजित किया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-रोधी संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी और आतंकवाद-रोधी अमेरिकी विदेश विभाग के कार्यवाहक समन्वयक जॉन टी. गाडफ्रे ने अपने-अपने अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।

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