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अमेरिका में बढ़ रही शाकाहारियों की संख्या, 40 यूनिवर्सिटीज में जैन धर्म पर कोर्स

Subhi
22 Feb 2022 1:37 AM GMT
अमेरिका में बढ़ रही शाकाहारियों की संख्या, 40 यूनिवर्सिटीज में जैन धर्म पर कोर्स
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भारत में कहावत है कि जैसा अन्न खाओगे, वैसे हो जाओगे. यानी कि अन्न की प्रकृति किसी इंसान की मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है. कई सारी मास शूटिंग देख चुका अमेरिका भी इस उक्ति को समझ गया है और अब मांसाहार छोड़कर धीरे-धीरे शाकाहार (Vegetarianism) की कन्वर्ट हो रहा है.

अमेरिका में बढ़ रही शाकाहारियों की संख्या

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में शाकाहार (Vegetarianism) खाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसकी वजह ये है कि लगातार मांसाहार खाने से लोगों में पेट की गड़बड़ी और हिंसात्मक स्वभाव में वृद्धि हो रही है. वहां पर पिछले साल मास शूटिंग की 693 घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोग मारे गए. जो लोग मास शूटिंग में शामिल पाए गए, वे सब मांसाहार करने वाले थे. इसके चलते अब वहां के लोगों में अहिंसा और शाकाहार की लहर तेजी पकड़ रही है.

अमेरिका की 40 यूनिवर्सिटीज में जैन धर्म पर कोर्स

इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अमेरिका की 40 यूनिवर्सिटीज में अब जैन धर्म (Jainism) पर पीएचडी कोर्स शुरू किया जा रहा है. साथ ही अहिंसा और सात्विक आहार पर भी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाने की प्लानिंग हो रही है.

अमेरिका-कनाडा में जैन धर्म के लोगों की सबसे बड़ी संस्था जैन एसोसिएशन नॉर्थ अमेरिका (JANA) ने इसके लिए यूनिवर्सिटीज को प्रस्ताव दिया था, जिस पर उनकी ओर से सहमति जता दी गई है. संस्था के अध्यक्ष डॉ सुलेख जैन ने बताया कि हाल में वीगन यानी शाकाहारी और नॉन वायलेंस जैसे शब्दों का अमेरिका में प्रचलन बढ़ा है. इससे पता लग रहा है कि अमेरिका के लोग अब हिंसा और मांसाहार को छोड़ देना चाहते हैं.

नए कोर्सेज पर आएगा 450 करोड़ रुपये का खर्च

उन्होंने कहा कि जैन धर्म पिछले कई हजार वर्षों से इन बातों को कहता रहा है. इसलिए अब वक्त आ गया है कि दुनिया जैन धर्म (Jainism) के इन सिद्धांतों के बारे में जाने और उन्हें अपने जीवन में लागू करे. डॉ सुलेख जैन ने बताया कि यूनिवर्सिटीज में पढ़ाए जाने वाले इन कोर्सेज में 450 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसलिए लिए संस्था ने डोनेशन ड्राइव चलाकर 150 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. सबसे ज्यादा 96 करोड़ रुपये शिकागो में बसे गुजरात के डॉ जसवंत मोदी ने दिए हैं.

अमेरिका-कनाडा में रहते हैं 1.5 लाख लोग

डॉ सुलेख जैन ने बताया कि अमेरिका और कनाडा में जैन समाज के 1.5 लाख लोग रहते हैं. यह संस्था (JANA) उन सबका उत्तर अमेरिका में प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने बताया कि अब यह संस्था अब 40 यूनिवर्सिटीज में शुरू होने वाले नए पाठ्यक्रमों के लिए सिलेबस तैयार कर रही है. जल्द ही यूनिवर्सिटीज के साथ डिस्कस करके उन्हें लागू करवाया जाएगा.


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