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ऑनलाइन स्पर्म डोनेशन के नाम पर यौन हिंसा के बढ़े मामले, पढ़ें कहां हो रहा ऐसा?

Gulabi
5 July 2021 1:52 PM GMT
ऑनलाइन स्पर्म डोनेशन के नाम पर यौन हिंसा के बढ़े मामले, पढ़ें कहां हो रहा ऐसा?
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स्पर्म डोनेशन के नाम पर सेक्स के लिए मजबूर किया जा रहा

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया में 'Sperm Drought' एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. वर्षों से यहां मां बनने की चाहत रखने वाली कई महिलाओं को स्पर्म डोनर (Sperm Donner) का सहारा लेना पड़ता है लेकिन अब कोरोना काल में यह समस्या और बढ़ती जा रही है. इसकी आड़ में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए महिलाओं को फंसाया जा रहा है. कई महिलाएं नियम के खिलाफ किए जा रहे स्पर्म डोनेशन (unregulated sperm donation) के चक्कर में यौन हिंसा (sexual violence) का शिकार हो रही हैं.

स्पर्म डोनेशन के नाम पर सेक्स के लिए मजबूर किया जा रहा
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की स्टेट विक्टोरिया में तमाम महिलाएं सोशल मीडिया का उपयोग स्पर्म डोनर (Sperm Donner) खोजने में कर रही हैं. सोशल मीडिया पर स्पर्म डोनेशन के लिए कई ग्रुप बने हुए हैं जिनमें पुरुषों द्वारा उन्हें गर्भ धारण करने में मदद करने की पेशकश की जाती है. इसके बाद पुरुष महिलाओं को प्राकृतिक गर्भाधान (NI) या सेक्स (Sex) के जरिए महिलाओं को गर्भवती करने का ऑफर देते हैं. महिलाएं इस जाल में फंस रही हैं जिसके कारण HIV जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है.
बायोलॉजिकल पिता (Biological Father) की खोज मुश्किल
विक्टोरियन अधिकारी इस बात से भी चिंतित हैं कि अनौपचारिक शुक्राणु दान में हो रही वृद्धि से बच्चों के लिए अपने जैविक पिता को ट्रैक करना कठिन होता जा रहा है. क्योंकि इस तरह के स्पर्म डोनेशन का कोई लेखाजोखा नहीं होता. हाल ही में एक महिला ने विक्टोरियन असिस्टेड रिप्रोडक्टिव ट्रीटमेंट अथॉरिटी को सूचना दी कि एक informally डोनर ने आईवीएफ क्लिनिक के सुरक्षा उपायों के बिना स्पर्म डोनेशन के नाम पर उसका यौन उत्पीड़न (sexual harrasment) किया.
ऑनलाइन चल रहा गोरखधंधा
परिवार और स्वास्थ्य कानून के विशेषज्ञ, ला ट्रोब विश्वविद्यालय में कानून के डीन प्रोफेसर फियोना केली ने कहा, 'कई महिलाएं ऑनलाइन स्पर्म डोनर्स के चक्कर में फंस गई है.'
कोरोना काल में 'Sperm Drought' की समस्या बढ़ी?
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में स्पर्म की कमी वर्षों से एक समस्या रही है लेकिन COVID ने समस्या को और बढ़ा दिया है. इस दौरान 'Sperm Drought' की समस्या बढ़ गई है क्योंकि अचानक से स्पर्म डोनर की तलाश ज्यादा हो रही है. इसकी एक वजब यह भी है कि बॉर्डर बंद होने से कई रोगियों को डोनर के साथ इलाज के लिए कानून बाहर जाने की परमीशन नहीं मिल रही है. ऐसे में महिलाएं ऑनलाइन ही डोनर को ढूंढ़ रही हैं. VAARTA के आंकड़े बताते हैं कि इस फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में विक्टोरिया में केवल 335 स्पर्म डोनर मिले, जो 2018-19 की शुरुआत में 424 से कम थे. पिछले वर्ष 128 की तुलना में इस वर्ष 81 डोनर रहे.
लेस्बियन और अकेली रह रही महिलाएं ज्यादा फंस रहीं जाल में
1990 के दशक में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का स्पर्म डोनर के लिए उयोग शुरू हुआ. तब मुख्य रूप से लेस्बियन (lesbian) और अकेली रह रहीं, तलाकशुदा महिलाएं इन प्लेटफॉर्म का प्रयोग करती थीं. लेकिन समय के साथ ये ट्रेंड और बढ़ता जा रहा है जो कि यौन उत्पीड़न का बड़ा कारण बनता जा रहा है.
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