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इस देश में लोग खाते हैं पत्‍थर की रोटी, जानिए कैसे बनती है और क्या है परंपरा

Gulabi
2 Feb 2021 1:26 PM GMT
इस देश में लोग खाते हैं पत्‍थर की रोटी, जानिए कैसे बनती है और क्या है परंपरा
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पत्‍थर की रोटी, सुनने में ही अजीब सा लगता है लेकिन

पत्‍थर की रोटी, सुनने में ही अजीब सा लगता है लेकिन अगर हम आपको बताएं कि वास्‍तव में ऐसी एक रोटी है जिसे न सिर्फ पकाया जाता है बल्कि लोग बड़े स्‍वाद के साथ इसे खाते हैं. बलूचिस्‍तान, पाकिस्‍तान का वह हिस्‍सा जो अपने संसाधनों के अलावा अपनी संस्‍कृति के लिए भी पूरी दुनिया में मशहूर है. पत्‍थर की यह रोटी इसी बलूचिस्‍तान का एक खास पकवान है. इस रोटी को काक रोटी कहते हैं और बलूच लोगों के खाने का एक अहम हिस्‍सा है. आइए जानिए इसी पत्‍थर की रोटी के बारे में और कैसे इसे पकाया जाता है.


2008 से आई सुर्खियों में
बलूचिस्‍तान के लोगों के बीच फेवरिट काक रोटी के बारे में सबसे पहले साल 2008 में दुनिया को पता लगा था. तब से ही यह लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है. जैसा कि नाम से ही पता लगता है कि इस रोटी को पत्‍थर के साथ पकाया जाता है.
काक रोटी को बनाते समय आटे को एक गर्म पत्‍थर पर लपेट दिया जाता है. इसे पकाते समय तापमान का भी ध्‍यान रखना चाहिए. अगर पत्‍थर बहुत गर्म होगा तो रोटी जल जाएगी. इसे पकाने की प्रक्रिया काफी दिलचस्‍प है.

जिस तरह से इसे पकाया जाता है, वह तरीका आजकल कम ही नजर आता है. पत्‍थर की रोटी को बलूचिस्‍तान के लोग पके हुए मीट के साथ खाते हैं. इस रोटी को चारों तरफ से पकाया जाता है.
बलूच खानाबदोशों की फेवरिट
पत्‍थर की रोटी या काक रोटी विशेषकर खानाबदोश बलूचियों के बीच एक पॉपुलर डिश है. कभी-कभी पकने के बाद यह बहुत कठोर हो जाती है इसलिए, इसे 'पत्थर की रोटी' भी कहा जाता है. पारंपरिक विधि में काक पकाने के लिए आटे को सूखे खमीर, चीनी, नमक के साथ दूध और पानी से गूंधा जाता है.

आटे को रोटी के आकार में बेल कर पहले एक गरम पत्थर रखा जाता है, फिर पत्थर समेत इसे एक तंदूर में पकने के लिए रखा जाता है. कभी-कभी इसके ऊपर तिल भी बुरक दिए जाते हैं. पकने पर रोटी सख्त हो जाती है, तब इसे सज्जी के साथ परोसा जाता है.

बलूचिस्‍तान की परंपरा का हिस्‍सा
बलूचिस्‍तान की परंपरा के तहत काक बनाने का जिम्मा घर की सबसे बुजुर्ग महिला का होता है. यह रोटी उसकी की देखरेख में पकाई जाती है. एक बार रोटी को पत्थर पर डालने के बाद वो यह जिम्मा घर की छोटी महिलाओं को इसे पकाने का जिम्‍मा सौंप देती हैं.

बालोची लोगों के बीच यह भी प्रथा है कि शादी से पहले वाली रात को पिता अपनी बेटी जो कल दुल्हन बनेगी को अपने हाथ से काक खिलाता है. बलूचिस्‍तान के अलावा ईरान में भी इस रोटी का चलन है.

फेस्टिवल में बेस्‍ट रोटी का सेलेक्‍शन
गर्मी के मौसम में बलूचिस्‍तान के महोर में खाबाज महराजान मागीज नामक एक बेकर फेस्टिवल को आयोजित किया जाता है. इस फेस्टिवल में पूरे पाकिस्‍तान से बेस्‍ट बेकर्स हिस्‍सा लेने के लिए आते हैं. इस फेस्टिवल में काक रोटी पकाने कॉम्‍पटीशन होता है.इसके बाद जज बेस्‍ट काक रोटी को सेलेक्‍ट करते हैं. विजेता को गोल्‍ड, सिल्‍वर और ब्रोंज मेडल से सम्‍मानित किया जाता है.

इस फेस्टिवल में हिस्‍सा लेना और बेस्‍ट काक रोटा का प्रदर्शन करना एक सम्‍मान के तौर पर देखा जाता है. काक रोटी को फेस्टिवल के शुरू होने के समय ही बनाया जाता है. बेस्‍ट रोटी का सेलेक्‍शन फ्लेवर और रंग के साथ-साथ साइज देखकर भी किया जाता है.


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