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अंतर्गत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना था और उसे काली सूची में डाला जाना था।
न्यूयॉर्क : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को ब्लैकलिस्ट करने में अड़ंगा लगाने के लिए चीन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब 'दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक आतंकवादियों पर प्रतिबंध' लगाने की बात आती है तो कुछ देश 'दंड मुक्ति' की सुविधा प्रदान करते हैं। UNSC में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि राजनीति को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए। विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पीएम मोदी की बात को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है।
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत हर तरह के युद्ध को तत्काल समाप्त करने और वार्ता और कूटनीति की राह पर लौटने की जरूरत को दृढ़ता से दोहराता है। स्पष्ट रूप से जैसा पीएम मोदी ने कहा था, 'यह युद्ध का युग नहीं हो सकता'। उन्होंने कहा कि शांति और न्याय हासिल करने के व्यापक प्रयास के लिए 'दंड मुक्ति' के खिलाफ लड़ाई बेहद अहम है। सुरक्षा परिषद को इस संबंध में एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए। राजनीतिक को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए।
'यूक्रेन संकट अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंताजनक'
जयशंकर ने कहा कि अगर दिन के उजाले में किए गए गंभीर हमलों को छोड़ दिया जाता है तो इस परिषद को उन संकेतों पर विचार करना होगा जो हम 'दंड मुक्ति' पर भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए निरंतरता होनी आवश्यक है। यूक्रेन संकट पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसके परिणाम परेशान करने वाले प्रतीत हो रहे हैं। एक वैश्वीकृत दुनिया में, इसके प्रभाव सुदूर इलाकों में भी महसूस किए जा रहे हैं।
चीन ने लश्कर आतंकी को बचाया
पिछले हफ्ते चीन ने संयुक्त राष्ट्र में, लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया था। मीर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है और 2008 मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता भी है। बीजिंग ने अमेरिका की ओर से लाए उस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी जिसके तहत मीर को संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के अंतर्गत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना था और उसे काली सूची में डाला जाना था।
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