जान बचाकर यूरोप भाग रहे यूक्रेनी आसान सफर के लिए कम से कम सामान के साथ घर छोड़ रहे हैं। लेकिन सुरक्षित मंजिल तक पहुंचने की भागमभाग में वे अपने तोते, खरगोश, कुत्ते और बिल्ली जैसे पालतू जानवरों को ले जाना नहीं भूल रहे।
शुक्रवार को कुछ ऐसा ही नजारा कीव के बाहरी इलाके में एक ध्वस्त पुल के नीचे देखने को मिला, जहां एकत्र हुए सैकड़ों लोगों के पास सिर्फ इक्के-दुक्के बैग ही थे लेकिन लगभग हरेक के हाथ में उनका पालतू जानवर था।इनमें से अधिकांश अपना जरूरी सामान और कीमती वस्तुएं पीछे ही छोड़ आए हैं।
गाड़ी जहां तक पहुंच सकती है, उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। आलम यह है कि शहरों में जगह-जगह कपड़े, घरेलू सामग्रियां और कीमती वस्तुएं बिखरी पड़ी हैं। पुल के नीचे खड़ी 42 वर्षीय विक्टोरिया त्रोफिमेंको ने बताया, सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि पालतू जानवर भी उनकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, अधिकांश लोग अपनी जरूरी वस्तुओं के साथ उनके पालतुओं की चीजें भी साथ लेकर चल रहे हैं। पराग्वे के लिए निकली त्रोफिमेंको के मुताबिक, उन्होंने कीव न छोड़ने की सोची थी लेकिन अब हालात गंभीर हैं और भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
यूक्रेन में हर हाल में बनें मानवीय गलियारे : नाटो
नाटो प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मानवीय गलियारों को न्यूनतम जरूरत करार देते हुए कहा कि इन्हें हर हाल में बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने इसके लिए रूसी और यूक्रेनी कूटनीतिज्ञों की मुलाकात को भी महत्वपूर्ण बताया है।
तुर्की में एक फोरम को संबोधित करने के बाद स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा परमाणु धमकी खतरनाक है। हालांकि, उन्होंने नाटो सेना या युद्धक विमानों को यूक्रेन भेजने से दोबारा इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि हमें राजनीतिक और राजयनिक समाधान के लिए मेहनत करनी चाहिए। फिलहाल युद्धग्रस्त देश में लोगों को बाहर निकालने के लिए मानवीय गलियारे हर हाल में बनने चाहिए।