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SCO शिखर सम्मेलन में जिन पिंग और इमरान की मौजूदगी में पीएम मोदी ने इशारों में मारा ताना

Neha Dani
10 Nov 2020 11:34 AM GMT
SCO शिखर सम्मेलन में जिन पिंग और इमरान की मौजूदगी में पीएम मोदी ने इशारों में मारा ताना
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को ऑनलाइन आयोजित किए गए शंघाई सहयोग संगठन |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को ऑनलाइन आयोजित किए गए शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में हिस्सा लिया. एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद के 20वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेत‍ृत्व कर रहे पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने अपने 75 साल पूरे किए हैं. लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है. पीएम मोदी ने कहा कि महामारी (Pandemic) की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए हैं. अप्रत्याशित महामारी के इस कठिन समय में भारत के औषधि उद्योग ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाइयां भेजी हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े टीका उत्पादक देश के तौर पर भारत संकट से लड़ने में समूची मानवता की मदद के लिए अपनी क्षमता का इस्तेमाल करेगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्विपक्षीय मुद्दों को अनावश्यक तौर पर एससीओ के एजेंडा में लाने के कई बार प्रयास किए गए. जो कि एससीओ चार्टर और शंघाई की भावना का उल्लंघन करते हैं. इस तरह के प्रयास एससीओ को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं.

भारत ने आतंकवाद और तस्करी के खिलाफ उठाई है आवाज

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है. और हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉड्रिंग के विरोध में आवाज उठाई है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार एससीओ के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर दृढ़ रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन देशों के साथ भारत के मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं. उन्होंने बिना चीन का नाम लिए इशारा करते हुए कहा कि भारत का मानना है कि कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें.

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