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जंग के बीच रूस के धनकुबेरों का हुआ बुरा हाल, इस मुस्लिम देश में मांग रहे पनाह

Neha Dani
6 May 2022 5:38 AM GMT
जंग के बीच रूस के धनकुबेरों का हुआ बुरा हाल, इस मुस्लिम देश में मांग रहे पनाह
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आर्थिक मंदी को लेकर चिंतित हैं. यही वजह है कि वो अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए दुबई आ रहे हैं.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच दुबई (Dubai) शहर अब रूस के हाई प्रोफाइल लोगों और अरबपतियों के नए ठिकाने के तौर पर उभर रहा है. ये वो लोग हैं जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके खास सहयोगियों पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद खुद को वैसी कार्रवाई से बचाने के लिए अपना देश छोड़कर भाग रहे हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के पहले तीन महीनों में रूसियों द्वारा दुबई में संपत्ति की खरीद में 67 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं आने वाले महीनों में कई और अरबपतियों के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचने की उम्मीद है.
दुबई की दौड़
व्यापार जगत की बड़ी हस्तियों के हवाले से आई इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पिछले दो महीनों में सैकड़ों हजारों लोगों ने रूस छोड़ दिया है. हालांकि ऐसे कितने लोग हैं इसका कोई सटीक आंकड़ा नहीं दिया गया है. इसके अलावा, कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNC) और रूसी स्टार्ट-अप कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को यूएई में ट्रांसफर कर दिया है. बीबीसी के मुताबिक यूएई ने अब तक न रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं, न ही यूक्रेन पर हमले के लिए उसकी आलोचना की है. यही नहीं, वह गैर-प्रतिबंधित रूसी नागरिकों को धड़ल्ले से वीजा भी दे रहा है. इससे वहां रूसी कारोबारियों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
दुबई में कंपनियों को स्थापित करने में मदद करने वाली फर्म 'वर्चुजोन' इसकी पुष्टि करती है. उसके मुताबिक बीते 2 महीने में रूसी ग्राहकों की संख्या पहले के मुकाबले 5 गुना बढ़ी है. इस बारे में दुबई की रियल एस्टेट एजेंसी 'बैटरहोम्स' की मानें तो बीते 2022 के शुरुआती 3 महीनों में जितनी संपत्ति बिकी, उसमें दो-तिहाई रूसी ग्राहकों ने खरीदी है. इसके चलते अब दुबई की रियल स्टेट कंपनियां रूसी भाषा के जानकारों को नौकरी भी देने लगी हैं. ताकि वे लोग उनके और रूसी कारोबारियों के बीच बेहतर संवाद स्थापित कर सकें.
इसी तरह एक बड़ी कंपनी के सीईओ जॉर्ज होजेगे के हवाले से कहा गया कि रूस के कारोबारी आने वाली आर्थिक मंदी को लेकर चिंतित हैं. यही वजह है कि वो अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए दुबई आ रहे हैं.


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