रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मध्य कई कंपनियों ने रूस से मुंह मोड़ लिया है. इस लिस्ट में नया नाम जुड़ा है फ्रांस की कंपनी Renault का. रेनॉ ने रूस में अपना बिजनेस बंद करने का ऐलान कर दिया है. रेनॉ का रूसी कार निर्माता कंपनी Avtovaz में 68% शेयर है जिसे वह बेचने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डील की कीमत महज 1 रूबल रखी गई है. हालांकि रेनॉ ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा तो की है साथ में ये भी कहा है कि अगले 6 साल में वह चाहेगा तो हिस्सेदारी वापस खरीद सकता है.
इतने कर्मचारियों पर नौकरी का संकट
रुसी मीडिया के मुताबिक रेनॉ कंपनी के रूस में 45 हजार कर्मचारी हैं, जिनपर कंपनी बंद होने के ऐलान के बाद नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है. रेनॉ के देश से जाने के बाद रूस के उद्योग और व्यापार मंत्रालय ने घोषणा की है कि फ्रांसीसी कार निर्माता रेनॉ की रूसी संपत्ति को सरकारी संपत्ति मानकर टेकओवर किया जाएगा. आपको बता दें कि रूस की सरकार ये पहले ही ऐलान कर चुकी है कि जो भी कंपनी रूस और यूक्रेन की बीच जारी संघर्ष की वजह से देश से अपना कारोबार समेटेगी उसको कड़े परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.
यह कंपनी करेगी अधिग्रहण
कंपनी की नई कमान अब AvtoVAZ जो रेनॉ का रुसी पार्टनर था के, उसी के हाथ में है. AvtoVA ही अब रूस में रेनॉ कारों का रखरखाव करेगा. साथ ही रुसी-फ्रांसीसी ब्रांड Moskvich के तहत संपूर्ण LADA मॉडल रेंज और क्लासिक कारों का उत्पादन भी जारी रखा जायेगा. मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने अपने निजी ब्लॉग में इसकी घोषणा की है.
नौकरी संकट से बचाने के लिए उठाया ये कदम
मॉस्को के मेयर सर्गेई के अनुसार विदेशी कार कंपनी रेनॉ ने प्लांट को बंद करने का फैसला किया है. जो उसका अधिकार है. लेकिन किसी कंपनी के जाने से रूस हजारों श्रमिकों को अपनी नौकरी खोने की अनुमति नहीं दे सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा की कंपनी की संपत्ति मास्को की प्रॉपर्टी है. इसे दोबारा से शुरू किया जाएगा और ये सोवियत युग के आइकोनिक ब्रांड Moskvich के तहत पहले की तरह काम करेगी.
रेनॉ की रूसी संपत्ति बनी राज्य की संपत्ति
मेयर सर्गेई के मुताबिक फ्रांसीसी कार कंपनी रेनॉ की रूसी संपत्ति राज्य की संपत्ति बन गई है. इसकी पुष्टि रूस के उद्योग व्यापार मंत्रालय ने भी की है. रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मॉस्को में रेनॉ का प्लांट अब मॉस्को सरकार के नियंत्रण में है. वहीं इस कंपनी में AvtoVAZ जो 67.69% शेयर होल्डर है उसने अपना शेयर NAMI ऑटोमोबाइल रिसर्च इंस्टीट्यूट को दिए हैं. रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव के मुताबिक रेनॉ के शेयर का राष्ट्रीयकरण AvtoVAZ के प्रबंधन और प्रतिबंधों के तहत कंपनी की क्षमता को सुनिश्चित करेगा. वहीं ये कदम कई हजार लोगों की नौकरियों को बचाने के लिए किया गया है.
हालांकि रेनॉ ने बिक्री के फाइनेंशियल डिटेल्स का खुलासा नहीं किया है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इतनी बड़ी कंपनी की कीमत महज एक रूबल लगाई गई है. आपको बता दें कि रेनॉ ने मार्च के अंत में प्लांट बंद करते समय अपने रूसी व्यवसायों की कीमत को 0 कहा था और 2.2 बिलियन यूरो के नुकसान की बात कही थी. रेनॉ का रूस में काम बंद कर देना रूस और विदेशों के ऑटो उद्योग में एक बड़े बदलाव की तरफ बढ़ता कदम मन जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि फ्रांस की कंपनी रेनॉ के लिए रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार था और कंपनी रूसी बाजार में सबसे बड़ी पश्चिमी कार निर्माताओं में से एक थी.