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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि तथ्यों को पेश किए बिना अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कैसे किया जा सकता है?
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल असेंबली कार्यवाही मामले की सुनवाई फिर से शुरू की. नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है. विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को संविधान का उल्लंघन बताया था. वहीं, चीज जस्टिस ऑफ पाकिस्तान ने संवैधानिक संकट का स्वत: संज्ञान लिया था.
सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच पीपीपी के बिलाबल भुट्टो ने इमरान खान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इमरान सच का रास्ता छोड़ चुके हैं. पीपीपी नेता ने कहा कि अंतरिम प्रधानमंत्री इमरान खान के "हताश उपायों" में से कोई भी अब उन्हें नहीं बचा सकता क्योंकि उनकी सरकार चली गई है. उन्होंने आगे कहा कि चयनित राज समाप्त हो गया है. लोग देख रहे हैं और इतिहास में दर्ज हो गया है कि कैसे उन्हें अलोकतांत्रिक रूप से लाया गया और बाहर जाते समय उन्होंने संविधान को आग लगा दी.
उधर, पीटीआई के शाह महमूद कुरैशी ने डिप्टी स्पीकर का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने संविधान का उल्लंघन नहीं किया है. नए सूरत-ए-हाल ने जन्म लिया और स्पीकर ने अपना एक जहन बनाया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने इसे फेक कहा.
इमरान से मांगे विदेशी साजिश के सबूत
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के मामले की सुनवाई कर रहे पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार गिराने में विदेशी साजिश के दावों को साबित करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के विवरण भी मांगे हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि तथ्यों को पेश किए बिना अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कैसे किया जा सकता है?
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