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अटलांटिक काउंसिल की बैठक में अमेरिका ने कहा - तालिबान की जगह सीधे अफगान जनता तक सीधे पहुंचे अंतरराष्ट्रीय सहायता

Apurva Srivastav
29 Jan 2022 6:08 PM GMT
अटलांटिक काउंसिल की बैठक में अमेरिका ने कहा - तालिबान की जगह सीधे अफगान जनता तक सीधे पहुंचे अंतरराष्ट्रीय सहायता
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अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए विशेष अमेरिकी महानिरीक्षक (एसआइजीएआर) जान सोप्को ने कहा कि तालिबान की जगह सीधे अफगान जनता तक सहायता पहुंचाई जानी चाहिए।

अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए विशेष अमेरिकी महानिरीक्षक (एसआइजीएआर) जान सोप्को ने कहा कि तालिबान की जगह सीधे अफगान जनता तक सहायता पहुंचाई जानी चाहिए। अटलांटिक काउंसिल द्वारा गुरुवार को आयोजित वर्चुअल कांफ्रेंस में सोप्को ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा दी जानी वाली सहायता यदि वहां के जरूरतमंद लोगों को सीधे नहीं सौंपी गई तो वह बेकार चली जाएगी।

सोप्को ने कहा, 'स्पष्ट सत्य है कि हम धन अफगानिस्तान में खर्च कर सकते हैं, लेकिन वह धन यदि तालिबान या दूसरे बुरे लोगों के हाथों में चला जाए तो वह त्रासदी होगी। अफगान जनता को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।' सोप्को ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की जनता को अपनी सहायता सौंपने का आह्वान किया। इसके लिए पिछले करीब 20 वर्षों के दौरान अफगानिस्तान में अमेरिका की उपस्थिति से सबक लेने की सलाह दी।
पिछले दिनों अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए काम करने वाली एजेंसी (United States Agency for International Development, USAID) ने घोषणा की थी कि 2022 में अमेरिका की सरकार 308 मिलियन डालर यानि 30.8 करोड़ डालर से ज्यादा की वित्तीय मदद अफगानिस्तान को देगी। USAID के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ किया है कि यह मानवीय सहायता अफगान की जनता तक सीधे ही पहुंचाई जाएगी। आपको बतादें, अफगानिस्तान की जनता के लिए सबसे ज्यादा मानवीय सहायता पहुंचाने वाला एकमात्र देश अमेरिका ही रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी एजेंसी USAID ने तालिबान से सहायता कर्मियों, खासतौर पर महिलाओं को स्वतंत्र और सुरक्षित तौर से काम करने देने की मांग रखी है। ताकि मानवीय समूह पीड़ितों की मदद कर सकें। एजेंसी ने यह भी कहा कि अमेरिका तालिबान से बिना किसी रोक के मानवीय सहायता को बनाए रखने और मानवीय कार्यों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने, सभी असुरक्षित लोगों तक स्वतंत्र रूप से सहायता पहुंचाने के प्रावधान और सभी लिंग के सहायता कर्मियों की आवाजाही सुनिश्चित करने की मांग करना जारी रखेगा।
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