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मंदिर में हमले के मामले में 22 लोगों को मिली 5-5 साल की जेल, 62 आरोपी हुए बरी, वीडियो फुटेज बना पुख्ता सबूत

Renuka Sahu
12 May 2022 2:39 AM GMT
In the case of temple attack, 22 people got 5-5 years in jail, 62 accused were acquitted, video footage became strong evidence
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले साल पंजाब प्रांत में एक हिंदू मंदिर पर हमला करने के मामले में बुधवार को 22 व्यक्तियों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले साल पंजाब प्रांत में एक हिंदू मंदिर पर हमला करने के मामले में बुधवार को 22 व्यक्तियों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई. लाहौर (Lahore) से करीब 590 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर स्थित गणेश मंदिर पर जुलाई 2021 में सैकड़ों लोगों ने हमला कर दिया था. आठ वर्षीय एक हिंदू लड़के द्वारा कथित रूप से एक मदरसे को अपवित्र करने की प्रतिक्रिया में मंदिर पर हमला किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार 84 संदिग्धों (Arrest) के खिलाफ सुनवाई पिछले साल सितंबर में शुरू हुई थी और यह सुनवायी पिछले हफ्ते पूरी हुई थी.

अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'आतंकवाद रोधी अदालत (बहावलपुर) के न्यायाधीश नासीर हुसैन ने फैसला सुनाया. न्यायाधीश ने 22 संदिग्धों को पांच-पांच साल जेल की सज़ा सुनाई और 62 अन्य व्यक्तियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. बता दें भीड़ ने हथियार, लाठी और बांस लेकर मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किया और मंदिर के एक हिस्से में तोड़फोड़ की और उसे जला दिया. हमलावरों ने मंदिर को अपवित्र करते हुए मूर्तियों, दीवारों, दरवाजों और बिजली के फिटिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने पहले संदिग्धों से 10 लाख पाकिस्तान रुपये (5,300 अमेरिकी डॉलर) से अधिक मुआवजा वसूल किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया.
पाक संसद ने भी हमले की निंदा की थी
मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कल्पना कीजिए कि अपवित्रता की घटना ने हिंदू समुदाय के सदस्यों को कितनी मानसिक पीड़ा दी थी. पाकिस्तान की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित कर मंदिर हमले की निंदा की थी.घटना के बाद पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलज़ार अहमद ने खेद व्यक्त किया कि गणेश मंदिर में बर्बरता ने देश को शर्मसार कर दिया, क्योंकि पुलिस ने मूक दर्शकों की तरह काम किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कल्पना कीजिए कि इस घटना ने हिंदू समुदाय के सदस्यों को कितनी मानसिक पीड़ा दी होगी.
वीडियो फुटेज बना पुख्ता सबूत
न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले सभी संदिग्धों को नई सेंट्रल जेल बहावलपुर से कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया है. अधिकारी ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा फुटेज के रूप में प्रासंगिक सबूत पेश करने और गवाहों के खिलाफ गवाही देने के बाद अदालत ने 22 आरोपियों को सजा सुनाई. वहीं मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर भारत सरकार ने सख्त आपत्ति प्रकट की थी. भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास के प्रभारी को तलब कर विरोध दर्ज कराया था और घटना पर गहरी चिंता जताई थी.
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